Monday, September 28, 2009

फ़र्ज़ी कौमार्य को लेकर उठा बवाल

मिस्र के एक जाने-माने इस्लामी विद्वान ने माँग की है कि जो महिलाएँ एक उपकरण सहारे कौमार्य का ढोंग करती हैं उन्हें मृत्युदंड दिया जाना चाहिए. मिस्र के अख़बारों में ख़बर छपी है कि अरब देशों के बाज़ार में चीन में बना उपकरण उपलब्ध है जिसकी मदद से महिलाएँ अपने पति को ऐसा आभास दे सकती हैं कि उन्होंने पहले कभी यौन संबंध नहीं बनाए. इस उपकरण से लाल रंग का एक तरल निकलता है जो पहली बार संभोग के समय होने वाले रक्तस्राव का आभास देता है. यह उपकरण महँगी सर्जरी का बेहतर और सस्ता विकल्प है. अरब जगत में कौमार्य या वर्जिनिटी को लेकर लोगों के विचार काफ़ी रुढ़िवादी हैं और ऐसे ऑपरेशन चोरी-छिपे होते हैं. प्रोफ़ेसर अब्दुलमती बायुमी का कहना है कि जिन लोगों ने इस उपकरण का आयात किया है वे मिस्र के समाज को भ्रष्ट बना रहे हैं, यह एक बड़ा अपराध है इसलिए इसकी सज़ा मौत होनी चाहिए. उनका कहना है कि इस्लाम में व्यभिचार बहुत बड़ा गुनाह है और समाज को इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. मिस्र की संसद में भी इस उपकरण के उपकरण के आयात पर रोक लगाने की माँग की गई है. ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि कई अरब देशों में ये उपकरण पंद्रह डॉलर में बिक रहे

हिटलर की नहीं, महिला की खोपड़ी है

वांशिंगटन। जर्मनी के तानाशाह शासक एडोल्फ हिटलर की मौत का रहस्य एक बार फिर गहरा गया है। हाल ही में अमरीकी पुरातत्वविद् द्वारा किए गए खुलासे में कहा गया है कि सोवियत खुफिया एजेंसियों और सेना को मिली खोपड़ी जिसे हिटलर की माना जा रहा था दरअसल वह किसी महिला की है। हिटलर के डीएनए के विश्लेषण के बाद यह बात सामने आई है।
कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद् और निक बेलन्टोनी ने डीएनए विश्लेषण के बाद बताया कि गोली लगी खोपड़ी को खोजा गया था वह किसी महिला की है जिसकी आयु 20 से 40 वर्ष के बीच आंकी गई है। इस खुलासे के बाद हिटलर की मौत की वजह पर फिर पर्दा पड़ गया है। संभावनाएं जताई जा रही है कि उसकी मौत बंकर में ना हुई हो। अब अमरीकी शोधकर्ताओं ने उसकी हड्डी की जांच में पाया है कि यह हड्डी काफी पतली है जबकि आमतौर पर पुरूषों की हडि्डयां सरचनात्मक रूप से मोटी होती है।
अब तक वैज्ञानिक और इतिहासकार यह मानते आए है कि बदनामी से बचने के लिए 30 अप्रेल 1945 करे हिटलर ने इवा ब्रॉन के साथ साइनाइड लेने के बाद खुद को गोली मार ली थी। हालांकि कुछ इतिहास कारों का यह भी कहना है कि खुद को हीरो बताने के लिए उसने यह कदम उठाया।
निक बेलन्टोनी ने एक अमरीकी हिस्ट्री चैनल पर बताया कि मृत व्यक्ति की उम्र चालीस से कम रही होगी जबकि मृत्यु के समय हिटलर 56 वर्ष का था। मौत के वक्त इवा और हिटलर जिस सोफे पर बैठे थे उस पर लगे रक्त के नमूने लेने के लिए निक मास्को गए। अमरीकी हिस्ट्री चैनल पर किए गए इस शोध के खुलासे में निक ने बताया कि उन्हें केवल एक घंटे के लिए हिटलर की ट्रोफियों आदि के साथ रहने दिया गया इस दौरान उन्होंने डीएनए के नमूने लिए और विश्लेषण के बाद पाया कि बंकर की खुदाई में पाई गई खोपड़ी हिटलर की नहीं बल्कि किसी महिला की है।

बिना काम लिए पैसा देती हैं कंपनियां

दुबई। आप मानें या ना लेकिन कुवैत में निजी कंपनियां कॉलेज से निकलने वाले युवाओं को नौकरी देती हैं, वेतन देती हैं पर इसके बदले काम बिल्कुल नहीं लेती।
कुवैत टाइम्स के अनुसार निजी कंपनियां कुवैत के सरकारी नियम के अनुसार अपनी कंपनी में 30 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय युवाओं को देने के लिए बाध्य हैं, चाहे इन कंपनियों को उनकी जरूरत नहीं हो। ऎसा नहीं करने पर इन कंपनियों को काफी ज्यादा अर्थदंड भुगतना पड़ता है। इसलिए ये कंपनियां इन युवाओं को नौकरी देती हैं और बैठे-बिठाए इन्हें वेतन भी देती हैं।
कुवैत में ये नौकरियां "भूतहा नौकरियां" कहलाती हैं और बिना अनुभव वाली इन भूतहा नौकरियों से युवाओं में काफी ज्यादा कुंठा फैल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऎसा करने से युवाओं की क्षमता पर असर पड़ रहा है, और धीरे-धीरे इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। उनकी चिंता है कि ऎसा करने से देश हमेशा बाहरी श्रमिकों पर ही निर्भर रहेगा।