
बुद्धाराम अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित नज़र आते हैंभारत और पाकिस्तान आज़ादी के साठ साल पूरे होने पर तरह-तरह के समारोह मना रहे हैं लेकिन कराची के एक बुज़ुर्ग हिंदू बुद्धाराम के लिए इन समारोहों का कोई मतलब नहीं है बल्कि उनके सामने ज़िंदगी और मौत का सवाल खड़ा है.62 वर्षीय बुद्धाराम कराची की एक ऐसी बस्ती में रहते हैं जो चारों...