Friday, May 9, 2008

एचआईवी ग्रस्त माँग रहे है 'इच्छा मृत्यु'


राजस्थान में एचआईवी पॉज़िटिव लोगों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने 'इच्छा मृत्यु' की इजाज़त मांगी है.
ये लोग अपनी माँगों को पूरा करवाने के लिए जयपुर में धरने पर बैठ गए हैं.
इनका आरोप है की सरकार ज़रूरी दवाओं की व्यवस्था नहीं कर रही है. वहीं सरकार ने इन आरोपों को ग़लत बताया है.
राज्यपाल को ज्ञापन
एचआईवी पॉज़िटिव पीड़ितों की संस्था के अध्यक्ष ब्रजेश दुबे ने बीबीसी को बताया की 20 पीड़ितों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजकर 'इच्छा मृत्यु' की अनुमति मांगी है.
दुबे कहते है, "हम अभाव और उपेक्षा की इस ज़िन्दगी से परेशान हो गए हैं. इस तरह की जिंदगी से अब हम तंग आ चुके हैं. कदम-कदम पर हमे अपमानित किया जा रहा है."
हम अभाव और उपेक्षा की इस ज़िंदगी से परेशान हो गए हैं. इस तरह की जिंदगी से अब हम तंग आ चुके हैं. कदम-कदम पर हमे अपमानित किया जा रहा है

एचआईवी ग्रस्त लोगों की संस्था
उधर एड्स नियंत्रण के लिए ज़िम्मेदार एक वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर अरुण बजाज कहते हैं, "सरकार ने अपने स्तर पर सभी व्यवस्था कर रखी है. हमने दवाओं और ज़रूरी चिकित्सा की माकूल व्यवस्था कर रखी है."
बजाज कहते हैं, "मेरे ख़्याल में दवाओं की कोई कमी नहीं है. जयपुर के अलावा ज़िला स्तर पर भी दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था है."
राजस्थान नेटवर्क फ़ॉर पॉजिटिव पीपुल के मुताबिक, राजस्थान में कोई दो लाख लोग एड्स पीड़ित हैं.
सरकार ने अपने स्तर पर सभी व्यवस्था कर रखी है. हमने दवाओं और जरूरी चिकित्सा की माकूल व्यवस्था कर रखी है

एड्स नियंत्रण के उपनिदेशक
नहीं मिलता है काम
प्रकाश एक एड्स पीड़ित हैं. वह अपना दर्द बताते-बताते रो पड़ते हैं.
उन्होंने कहा, "मेरे चार बच्चे है. हम बड़ी मुश्किल में हैं. कही रोज़गार नहीं मिलता हैं. अगर सरकार हमे ग़रीबी रेखा की सूची में शामिल कर ले तो थोडी मदद हो जाएगी. वरना ऐसे घुट-घुट कर कैसे जिएँगे?."
सुरभी (बदला हुआ नाम) कहती हैं, "मेरी बेटी भी इस रोग से ग्रस्त है. समाज जब उपेक्षा करे तो सरकार का बड़ा सहारा होता है. मगर अब सरकार ही ध्यान नही दे रही है. हम माथे पर लगे इस दाग के साथ समाज में कहाँ जाकर खडे होंगे?"
इन पीडितों का कहना है की अगर सरकार सहारा दे तो उनकी ज़िंदगी की राह कुछ आसन हो जाएगी.

नारायण बारेठ

बीबीसी संवाददाता, जयपुर