Saturday, June 7, 2008

जालौरः पंकज मुनि की अनोखी तपस्या

07 जून 2008 आईबीएन-7जालौर(राजस्थान)। तपती दुपहरी और आग के बीच भी इस समय एक साधु परमात्मा का सच जानने के लिए साधना कर रहे हैं। ये साधना जालौर के मालवाड़ गांव में हो रही है। साधना में लीन होनेवाले इस साधु का नाम पंकज मुनि है। पंकज मुनि की ये साधना कुल 41 दिनों तक चलेगी।अपनी इस साधना के बारे में खुद पंकज मुनि बताते हैं कि, “मेरी ये साधना अंधविश्वास से छुटकारा और भगवान की तलाश के लिए है।”पंकज मुनि इस समय खुले आसमान में रेगिस्तान की तपती गर्मी के बीच चारों तरफ जलते हुए उपलों के बीच में बैठकर अपनी साधना में मग्न हैं। इस अग्निसाधक के दर्शन के लिए यहां आस-पास के काफी लोग आने लगे हैं। पंकज मुनि दिन के 11 बजे से शाम 5 बजे तक ये साधना कर हैं। वैसे तो पंकज मुनि की चमड़ी अब झुलसने लगी है, लेकिन उनकी साधना पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।उनकी ये साधना को देखकर यहां के लोग अब पंकज मुनि को भगवान शिव का अवतार मानने लगे हैं। उनका आर्शीवाद लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग साधना स्थल पर जुटने लगे हैं। साधना स्थल से उठने के बाद रोज शाम पांच बजे पंकज मुनि भक्तों को प्रवचन देते हैं।