New Dehi। बच्चा पहला है तो ज्यादा देखभाल होगी ही। जब ज्यादा देखभाल होगी तो इसका फायदा भी मिलना चाहिए। यह मिलता भी है। एक शोध से साबित हुआ है कि किसी माता-पिता का पहला बच्चा अपने बाकी भाई-बहनों के मुकाबले ज्यादा तेज और चतुर होता है।
यूरोप के वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि बच्चों की बौद्धिकता पर पैदाइशी क्रम का बुनियादी प्रभाव होता है। परिवार के सबसे बड़े बच्चे का आईक्यू [बुद्धि लब्धि यानी मानसिक उम्र और वास्तविक उम्र का अनुपात] लेबल अपने अन्य भाई-बहनों के मुकाबले काफी ऊपर होता है। पूर्व के अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि पहले पैदा हुए बच्चे स्वच्छंदता और अगुवाई के मामले में पीछे होते हैं, लेकिन शैक्षिक स्तर पर ज्यादा कामयाब होते हैं। हालिया अध्ययन बताता है कि पहले पैदा हुए बच्चों का बौद्धिक स्तर बाद के भाई-बहनों के मुकाबले काफी ऊंचा होता है।
इस अध्ययन में एक हजार बच्चों को शामिल किया गया और उनके बचपन से लेकर किशोरावस्था तक के आईक्यू का परीक्षण किया गया। खास बात यह है कि पैदाइश के क्रम में दूसरे नंबर पर रहने वाले बच्चों के आईक्यू का स्तर भी अपने से छोटे भाई-बहनों की अपेक्षा ज्यादा ऊंचा पाया गया। लड़का हो या लड़की, दोनों पर यह बात समान रूप से लागू पाई गई।
एम्सर्ट्डम की व्रिजे यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डारेट बूम्समा के मुताबिक सबसे बड़े बच्चे का आईक्यू स्तर उन बच्चों के मुकाबले ज्यादा ऊपर पाया गया जिनसे कोई एक बड़ा भाई या बहन है। दो भाई या बहनों से छोटे बच्चों में आईक्यू स्तर कुछ ज्यादा ही कम पाया गया। इसके पीछे कारण क्या हैं, वैज्ञानिक निश्चित तौर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन इनका मानना है कि देखरेख का स्तर और परवरिश के प्रति मां-बाप का उत्साह बौद्धिक विकास में सहायक साबित होता है।
यूरोप के वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि बच्चों की बौद्धिकता पर पैदाइशी क्रम का बुनियादी प्रभाव होता है। परिवार के सबसे बड़े बच्चे का आईक्यू [बुद्धि लब्धि यानी मानसिक उम्र और वास्तविक उम्र का अनुपात] लेबल अपने अन्य भाई-बहनों के मुकाबले काफी ऊपर होता है। पूर्व के अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि पहले पैदा हुए बच्चे स्वच्छंदता और अगुवाई के मामले में पीछे होते हैं, लेकिन शैक्षिक स्तर पर ज्यादा कामयाब होते हैं। हालिया अध्ययन बताता है कि पहले पैदा हुए बच्चों का बौद्धिक स्तर बाद के भाई-बहनों के मुकाबले काफी ऊंचा होता है।
इस अध्ययन में एक हजार बच्चों को शामिल किया गया और उनके बचपन से लेकर किशोरावस्था तक के आईक्यू का परीक्षण किया गया। खास बात यह है कि पैदाइश के क्रम में दूसरे नंबर पर रहने वाले बच्चों के आईक्यू का स्तर भी अपने से छोटे भाई-बहनों की अपेक्षा ज्यादा ऊंचा पाया गया। लड़का हो या लड़की, दोनों पर यह बात समान रूप से लागू पाई गई।
एम्सर्ट्डम की व्रिजे यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डारेट बूम्समा के मुताबिक सबसे बड़े बच्चे का आईक्यू स्तर उन बच्चों के मुकाबले ज्यादा ऊपर पाया गया जिनसे कोई एक बड़ा भाई या बहन है। दो भाई या बहनों से छोटे बच्चों में आईक्यू स्तर कुछ ज्यादा ही कम पाया गया। इसके पीछे कारण क्या हैं, वैज्ञानिक निश्चित तौर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन इनका मानना है कि देखरेख का स्तर और परवरिश के प्रति मां-बाप का उत्साह बौद्धिक विकास में सहायक साबित होता है।