Monday, September 29, 2008

बिग बी को धमकी देने वाला युवक गिरफ्तार

Marwar News!
रानीवाड़ा(जालोर)।गत मध्य रात्रि एक बजे मुंबई पुलिस की विशेष शाखा ने रानीवाड़ा पुलिस की मदद से कस्बे की इंदिरा कॉलोनी से एक युवक को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक का नाम देवीसिंह पुत्र पदमसिंह राजपुरोहित निवासी झाबरा तहसील पोकरण जिला जैसलमेर बताया गया है। यह युवक अभिषेक बच्चन का हमशक्ल होने की वजह से पूरे क्षेत्र में युवाओं में चर्चा का विषय रहा है। थानाधिकारी मदनलाल ने बताया कि गत मध्य रात्रि को मुंबई पुलिस की विशेष शाखा के निवेदन पर आरोपी देवीसिंह को उसके कमरे से हिरासत में लिया गया। मुंबई पुलिस के अनुसार किसी लंबित प्रकरण में इस आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर मुंबई ले जाया जा रहा है। कस्बे में देवीसिंह के भाई भंवरसिंह की रेल्वे प्लेटफार्म के सामने जनता स्वीट होम नाम की होटल है। इस घटना के बारे में जब भंवरसिंह से संपर्क किया गया, तो वो न तो होटल पर और न ही घर पर मिला। विशेष सूत्रों के अनुसार डेढ़ साल पहले आरोपी देवीसिंह ने ऐश्वर्या राय के बंगले पर सुरक्षा गार्डो को गच्चे में डालकर अंदर प्रवेश करने में सफल हो गया था। परंतु बाद में वो पकड़ा गया, जिसकी खबर भी मुंबई के अखबारों में व ऑनलाईन मीडिया में सुर्खियों में छाई थी। वर्तमान में आरोपी देवीसिंह मुंबई के दादर ईलाके में निवास कर रहा है। तथा फिल्मों में रोल पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

Friday, September 26, 2008

सिगरेट पीने वाले के संपर्क में आने से बचें

Marwar News! Sep 23, 06:55 pm
न्यूयार्क। धूम्रपान करना खुद के साथ ही संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की सेहत के लिहाज से भी खतरनाक है। हालिया शोध में कहा गया है कि किसी अन्य के द्वारा छोड़े गए सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने यानी 'सैकेंड हैंड स्मोक' से भी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इससे महिलाओं में 'पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज' [पैर की धमनियों की बीमारी] होने का खतरा बढ़ जाता है। इस रोग के घातक होने पर पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
इससे पहले किए गए अन्य शोध में धूम्रपान से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ने की बात कही जा चुकी है। ताजा अध्ययन चीन की महिलाओं पर किया गया। प्रमुख शोधकर्ता बीजिंग के डा. याओ ही कहते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं लेकिन इसके दुष्परिणाम महिलाओं को ज्यादा भुगतने पड़ते हैं।
इस अध्ययन में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र की 1209 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया था। इनमें से 477 महिलाओं ने घर या आफिस में सैकेंड हैंड स्मोक की बात स्वीकारी। शोधकर्ताओं के अनुसार सैकेंड हैंड स्मोक की वजह से महिलाओं में पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज का खतरा 67 फीसदी तक बढ़ा पाया गया। यही नहीं, उनमें हृदय रोग का 69 फीसदी और स्ट्रोक का खतरा 56 फीसदी तक अधिक पाया गया।

बच्चे को ढोने दें स्कूल बैग का बोझ

Marwar News! Sep 26, 06:54 pm
मेलबर्न। क्या अपने बच्चे का भारी स्कूल बैग आप ढोते हैं? यदि उत्तर 'हां' है तो आगे से ऐसा न करें। आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं का कहना है कि किशोर उम्र में पीठ पर भारी बैग ढोने से शरीर और खास तौर पर रीढ़ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। बस, ध्यान सिर्फ इतना रखना है कि स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन से 15 फीसदी से अधिक न हो।
यह अध्ययन रिपोर्ट आस्ट्रेलियन जर्नल आफ फिजियोथिरैपी के ताजा अंक में प्रकाशित हुई है। पश्चिमी आस्ट्रेलिया स्थित कर्टिन यूनिवर्सिटी के लियान स्ट्रेकर के हवाले से इसमें कहा गया है कि जो बच्चे पैदल या साइकिल से स्कूल जाते हैं उन्हें पीठ और गर्दन के दर्द की शिकायत कम होती है।
स्ट्रेकर के अनुसार स्कूल बैग लेकर पैदल चलने या साइकिल चलाने से शरीर और रीढ़ की मांसपेशियों की ताकत व सहनशीलता बढ़ती है। स्ट्रेकर कहते हैं कि पीठ पर स्कूल बैग ढोने से मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं इसलिए उनमें पीठ और गर्दन में दर्द जैसी तकलीफें कम देखने को मिलती हैं।
इस अध्ययन के दौरान छात्रों से स्कूल बैग के वजन और उसे लेकर चलने के उनके अनुभव के बारे में सवाल पूछे गए। स्ट्रेकर ने बताया कि अध्ययन में शामिल पचास फीसदी छात्र-छात्राओं ने पीठ और गर्दन में दर्द रहने की शिकायत की। इनमें से ज्यादातर लोग अपना स्कूल बैग खुद नहीं ढोते थे।

ज्यादा साफ-सफाई से भी डायबिटीज!

Marwar News! Sep 26, 07:26 pm
लंदन। साफ-सुथरे वातावरण की अक्सर वकालत की जाती है। यह स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद जरूरी भी है। लेकिन, एक हालिया शोध में ज्यादा साफ-सफाई से रहने को डायबिटीज का खतरा बढ़ने की बात कही गई है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के अनुसार बचपन में बैक्टीरिया और वायरस रहित वातावरण आगे जाकर हाई ब्लड प्रेशर और उससे संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। अध्ययन के मुताबिक बचपन के दौरान शरीर में ऐसे 'ह्यूंमन फ्रेंडली' बैक्टीरिया विकसित होते हैं जो टाइप 1 डायबिटीज से लड़ने में मददगार होते हैं। इनके चलते प्रतिरक्षा तंत्र कोशिकाओं को इंसुलिन बनाने के लिए प्रेरित करता है। उल्लेखनीय है कि ये बैक्टीरिया आंतों में विकसित होते हैं।
बैक्टीरिया का प्रतिरक्षा तंत्र पर प्रभाव जानने के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग किया। जिन चूहों को बचपन में बैक्टीरिया मुक्त वातावरण में रखा गया था उनमें आगे चलकर गंभीर डायबिटीज पाई गई। इसके विपरीत जिन चूहों को शुरू से बैक्टीरिया वाले माहौल में रखा गया तो आगे जाकर उनमें आश्चर्यजनक रूप से डायबिटीज का खतरा कम देखा गया।
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता सुजेन वांग के मुताबिक आंतों में पाए जाने वाले ह्यूंमन फ्रेंडली बैक्टीरिया और प्रतिरक्षा तंत्र के बीच गहरा संबंध है। सुजेन ने कहा कि अब हम इस बात की खोज में लगे हैं कि यह बैक्टीरिया किस तरह से प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय कर टाइप 1 डायबिटीज को रोकने में सफल होता है।

भ्रष्ट अधिकारी ढूंढि़ये और पाईए इनाम

Marwar News! Sep 26, 12:22 pm
मेक्सिको सिटी। दशकों से मेक्सिकोवासी ऐसे नौकरशाहों से पीडि़त रहे हैं, जो उनसे किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगते हैं, लेकिन अब उनकी यह परेशानी उन्हें नकद ईनाम भी दिलवा सकती है।
संघीय सरकार भ्रष्टाचार के सबसे खराब उदाहरण तलाशने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस प्रतियोगिता के पुरस्कारों और नियमों की घोषणा की। राष्ट्रपति फिलिप काल्डेरोन ने इस महीने की शुरू में कहा था कि ऐसी प्रतियोगिता शुरू करने पर विचार चल रहा है। लोक प्रशासन सचिव सल्वादोर वेगा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार लोगों और समुदाय के विकास के लिए कार्य करती है न कि उनकी परेशानी के लिए।
अधिकारियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए आवेदन पत्र जारी किया है जिस पर फाइलों से घिरे एक अधिकारी की तस्वीर छपी है। इस तस्वीर में लोगों की एक कतार तथा एक महिला कर्मचारी को अपने नाखून रंगते हुए दिखाया गया है। दीवार पर टंगी घड़ी में समय पूर्वाह्न साढे़ ग्यारह हो चुका है, जबकि एक डिजिटल काउंटर दिखाता है कि अभी सुबह से सिर्फ दूसरे व्यक्ति का काम ही हुआ है। मेक्सिकोवासियों को 31 अक्टूबर से पहले अपने फार्म जमा करने होंगे। इसमें पूछे गये सवालों की एक वानगी.. क्या आपसे कभी ऐसे दस्तावेज देने को कहा गया है जिन्हें पाना मुश्किल हो, क्या आपसे रिश्वत मांगी गई। सरकार इस फार्म में लोगों को नौकरशाही सुधारने के तरीकों के बारे में भी पूछ रही है।
संघीय सरकार भ्रष्ट अधिकारियों का खुलासा करने और उसे सुधारने के उपाय सुझाने वाले व्यक्ति को बतौर ईनाम 27,000 डालर की राशि देगी, जबकि स्थानीय स्तर पर यह राशि 9,300 डालर है।

बच्चों के दिमाग को बनाइए तंदरुस्त

Marwar News! Sep 26, 06:04 pm
लंदन। यह बात हम पहले से जानते हैं कि मछली खाने से दिमाग तेज होता है। अब वैज्ञानिकों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। हाल में हुए एक शोध के मुताबिक जो बच्चे नियमित रूप से मछली के तेल की खुराक लेते हैं उनका दिमाग ज्यादा तेज होता है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के मुताबिक प्रतिदिन मछली के तेल के सप्लीमेंट्स लेना दिमाग को दुरुस्त रखता है। इससे वे परीक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। शोधकर्ताओं ने लगातार छह महीनों तक मछली के सप्लीमेंट्स लेने वाले तीन हजार छात्रों के परीक्षा परिणामों पर नजर रखी। सप्लीमेंट्स लेने वाले छात्रों के रिजल्ट की तुलना सप्लीमेंट्स नहीं लेने वाले छात्रों के परीक्षा परिणामों से की गई। अध्ययन के मुताबिक सप्लीमेंट्स न लेने वाले छात्रों की अपेक्षा सप्लीमेंट्स लेने वाले छात्रों ने परीक्षा में 17.7 फीसदी ज्यादा अंक अर्जित किए।

सेहत के लिए खतरनाक है साइबर सेक्स

Marwar News! Sep 26, 06:04 pm
सिडनी। यह खबर आनलाइन सेक्स और पोर्न साइट्स देखने वालों के लिए खतरे की घंटी है। हाल में हुए एक शोध के मुताबिक यह आदत अवसाद व तनाव को खतरनाक होने की हद तक बढ़ा देती है। आनलाइन सेक्स में कामोत्तेजक वीडियो, अश्लील मैसेज भेजना और चैटिंग करना शामिल है।
अध्ययन के मुताबिक प्रतिदिन एक घंटे साइबर सेक्स का मजा लेने वाले लोगों को यह बीमारी आसानी से गिरफ्त में ले लेती है। आस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने 18 से 80 साल के पढ़े-लिखे पुरुषों को अध्ययन में शामिल किया। ये लोग हफ्ते में औसतन 12 घंटे तक कंप्यूटर पर सेक्स का लुत्फ उठाते थे। इसके लिए वेबकैम, कामोत्तेजक वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता था।
शोध में शामिल 1325 लोगों में से 65 फीसदी ने आनलाइन बात करने के बाद डेटिंग की बात स्वीकार की। इनमें अधिकांश की मानसिक दशा काफी खराब थी। आनलाइन सेक्स के लती 27 फीसदी लोगों को मध्यम से उच्चस्तर तक अवसादग्रस्त पाया गया। वहीं 30 फीसदी में चिंता का उच्चस्तर और 35 फीसदी तनावग्रस्त पाए गए। अवसाद और चिंता का स्तर उन लोगों में सर्वाधिक पाया गया जो आनलाइन यौन क्रियाओं में लिप्त थे।

लेसोथो में बड़ा और अनूठा हीरा मिला

Marwar News!
यह 105 कैरेट वाले गोल कोहिनूर हीरे से भी बड़ा होगा जो ब्रिटिश ताज में जड़े हुए रत्नों का हिस्सा है.
लेसोथो में खनिकों ने एक ऐसे पत्थर की खोज निकाला है जो तराशने के बाद दुनिया में अब तक मौजूद हीरों में सबसे बड़ा पॉलिश किया गया हीरा बन सकता है.
'जैम डायमंड' नाम की कंपनी का कहना है कि इस पत्थर का वजन 478 कैरेट है और अब तक पाया गया बीसवाँ सबसे बड़ा कच्चा हीरा है.
इस कंपनी का कहना है कि बिना किसी जोड़ वाला यह पत्थर पिछले दिनों लेसेंग खदान से निकाला गया जिसका मालिकाना हक़ लेसोथो स्थित उनकी कंपनी के पास है.
कंपनी का मानना है कि इससे 150 कैरेट का रत्न मिल सकता है जो करोड़ों डॉलरों में बिक सकता है. इस हीरे को अभी नाम नहीं दिया गया है.
चमकदार
कंपनी के चीफ़ एक्ज़ीक्यूटिव क्लिफ़र्ड एल्फ़िक कहते हैं, "इस अनूठे हीरे की प्राथमिक जाँच में ही संकेत मिल गया था कि इससे चमकदार और बहुत सुंदर रंग वाला ऐसा हीरा तराशा जा सकता है जो रिकार्ड तोड़ देगा." यह 105 कैरेट वाले गोल कोहिनूर हीरे से भी बड़ा होगा जो ब्रिटिश ताज में जड़े हुए रत्नों का हिस्सा है.
लेकिन यह 1905 में पाए गए क्यूलिनेन हीरे से छोटा ही रहेगा जो तराशे जाने से पहले 3,106 कैरेट का था और तराशे जाने के बाद आँसू की बूँद के आकार का 530 कैरेट का हीरा बना. उस हीरे को 'ग्रेट स्टार ऑफ़ अफ़्रीका' के नाम से जाना जाता है.
लेसेंग खदान के मालिकाना हक़ वाली कंपनी में 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी जैम डायमंड्स की और 30 फ़ीसदी हिस्सेदारी लेसोथो सरकार की है.

Saturday, September 13, 2008

कान से देखता है बेन!


कैलिफोर्निया। पंद्रह साल का एक लड़का इस धरती का पहला ऐसा इंसान है जो बिना आंखों के सब कुछ देखता है। नाम है बेन अंडरवुड। कैलिफोर्निया का रहने वाला 15 साल का बेन नेत्रहीन है लेकिन उसकी गतिविधियां पूरी दुनिया को हैरान कर रही हैं।
बेन बास्केटबॉल खेलता है, साइकिल चलाता है, यहां तक कि स्केटिंग भी करता है। बेन के मां-बाप ही नहीं, बल्कि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी उसे देखकर हैरान हैं। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर बेन बिना आंखों के कैसे देख सकता है।
कैसे वो आम बच्चों की तरह हर काम करता है। दरअसल बेन जब दो साल का था, तभी उसकी आंखों में रेटिनल कैंसर हो गया था। ये गंभीर बीमारी साठ लाख लोगों में से एक को होती है। इस कैंसर की वजह से उसकी आंखें निकालनी पड़ीं।
लेकिन इसके बावजूद बेन को कोई फर्क नहीं पड़ा और वो बिना आंखों के ही सब कुछ देखने लगा। बेन की इस हकीकत को जानने के लिए कई बार परीक्षण भी किए गए लेकिन हर बार वो सफल रहा।
बेन जब महज चार साल का था तभी उसने चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया था। वो कार से कहीं जा रहा था और तभी उसने बताया कि वो इस वक्त ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों के बीच से पार हो रहा है। फिर क्या था बेन की मां हैरान रह गईं। बेन सच कह रहा था।
अपने उन दोस्तों के मुकाबले बेन ज्यादा समझदार है जो देख सकते हैं। खतरा तो वो काफी दूर से भांप लेता है। अगर सामने से कोई तेज रफ्तार कार आ रही हो तो दोस्तों से पहले वो फुटपाथ पर चला जाता है। बेन ने नेत्रहीनों के स्कूल में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया और आंखों वाले इंसान को वो वीडियो गेम तक में हरा देता है।
डॉक्टरों को पहले तो बेन के बारे में सुनकर यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब उसे सामान्य बच्चों की तरह खेलते कूदते देखा तो उन्हें भी मानना पड़ा। दरअसल बेन ये काम करता है आवाज से। आंखें खराब होने के बाद से बेन के अंदर इंद्रियों की बेहतर समझ आई।
पूरी दुनिया में बेन इकलौता इंसान है जो अपनी जीभ से आवाज निकालकर सारे काम करता है। बेन सीढ़ियां उतरते वक्त अपने मुंह से लगातार क्लिक-क्लिक की आवाज निकालता है। क्लिक की ये आवाज आसपास की चीजों से टकराकर बेन के दिमाग में उसकी छवि बनाती हैं।
बेन समझ जाता है कि अगला कदम उसे कहां रखना है। अपना रोजमर्रा का काम करने के लिए बेन को किसी की मदद की जरूरत नहीं होती। न आसपास की चीजों का सहारा लेता है और न वॉकिंग स्टिक का। बेन अपनी जीभ की क्लिक से जान जाता है कि सामने कौन सी चीज है।
कहां दीवार है और कहां पर्दे लगे हैं। बेन भले ही सारी चीजों को आसानी से जान लेता हो लेकिन पढ़ने लिखने में वो मजबूर है। इसके लिए उसे मशीनी मदद की जरूरत पड़ती है। बेन के पास एक ऐसा कंप्यूटर है जो बोलता है यानी जो आदेश बेन की-बोर्ड के बटन दबाकर देता है वो एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से बेन को भी सुनाई देते हैं।
स्कूल से मिला होम वर्क करने के लिए बेन के पास एक ब्रेल मशीन है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बेन धरती पर किसी अजूबे से कम नहीं हैं।

गायत्री परिवार ने कराया रोजा इफ्तार


वाराणसी। साम्प्रदायिक नफरत के मौजूदा माहौल में वाराणसी में एक ऐसा अनूठा और अनुकरणीय आयोजन हुआ जो सौहार्द की सुगंध बिखेर गया। यहां गायत्री परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को शहर के रोजेदार मुसलमानों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।
इस आयोजन की खास बात यह रही कि इस मुसलमानों के अलावा हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के गणमान्य लोगों ने भी बड़ी शिद्दत के साथ इसमें शिरकत की।
शहर के एक छोटे से नर्सिंग होम में बड़े मकसद के लिए दी गई इस इफ्तार पार्टी की शुरुआत मगरीब की नमाज के बाद खजूर के सेवन से शुरू हुई।
सामूहिक नमाज की इमामत मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नुमानी ने की। नर्सिंग होम का सभागार थोड़ी देर के लिए इबादतगाह में तब्दील हो गया।
नमाज के बाद गायत्री परिवार के सदस्यों ने वहां उपस्थित रोजेदारों और अन्य गणमान्य लोगों को अल्पाहार कराया। इस अवसर पर मौलाना नुमानी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से भाईचारा, सांप्रदायिक सौहार्द तथा अमन-ओ-अमान का पैगाम लोगों तक पहुंचता है, जिसकी आज खास जरूरत है।
रोजेदारों को इफ्तार परोस रहे स्वामी आत्मानन्द गिरी ने कहा कि कोई भी धर्म मनुष्यों को आपस में जोड़ने के लिए बनाया गया है न कि तोड़ने के लिए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग धर्म का उपयोग इंसान-इंसान के बीच वैमनस्यता फैलाने के लिए कर रहे हैं। इस वैमनस्यता को इस तरह के आयोजन ही मिटा सकते हैं।
इस मौके पर फादर सबस्टीन ने कहा कि रमजान के दिनों में बड़े नेताओं के द्वारा इफ्तार पार्टी देना आम चलन हो गया है, लेकिन उन बड़ी इफ्तार पार्टियों में न तो सौहार्द झलकता है और न ही किसी प्रकार की एकता।

कश्मीर में दुनिया की सबसे लंबी रेलवे सुरंग


श्रीनगर। दुनिया की सबसे लंबी 10.96 किलोमीटर की रेलवे सुरंग जम्मू-कश्मीर में बनाई जा रही है। इसका 95 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने बुधवार को इस पीर पंचाल रेलवे सुरंग स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया।
यह भारतीय रेल नेटवर्क की अब तक की सबसे लंबी सुरंग होगी जो कि जम्मू के बनिहाल से कश्मीर के मुंडा को जोड़ेगी। इस परियोजना की लागत 24 अरब रुपये होगी जिसमें से अब तक 22 अरब रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
वोहरा ने हवाई सर्वेक्षण के बाद जम्मू-कश्मीर रेलवे परियोजना की समीक्षा बैठक की। वोहरा ने जब यह जानना चाहा कि इससे कश्मीरी युवाओं के लिए किस तरह रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तो अधिकारियों ने बताया कि परियोजना पूरा होने पर 3, 900 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। अधिकारियों ने बताया कि 120 उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र दिया जा चुका है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

MP: मंत्री ने 1 दिन में किए 1100 शिलान्यास


भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, नेताओं और मंत्रियों में जनता को सौगातें देने की होड़ सी मच गई है।
होड़ भी ऐसी कि नेता लोग एक दिन में 1100 से अधिक विकास कार्यो का शिलान्यास और भूमिपूजन कर रहे हैं। ऐसा ही एक कारनामा कर दिखाया है प्रदेश के कृषि एवं सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव ने।
रहली विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिध भार्गव ने गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में एक साथ 1100 विकास व निर्माण कार्यो की नींव रख डाली। अलबत्ता एक ही दिन में एक साथ इतने सारे विकास व निर्माण कार्यो की नींव रख भार्गव ने तो इतिहास ही रच डाला।
इन विकास कार्यो की नींव रखते हुए भार्गव ने कहा कि हिन्दी पंचाग के मुताबिक कल ग्यारस की तिथि थी और सितंबर की 11 तारीख भी। यह संयोग के साथ-साथ शुभ दिन भी था।
इसीलिए वे क्षेत्र की जनता को 1100 विकास और निर्माण की सौगात दे रहे हैं। मध्यप्रदेश क्या देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है, जब एक मंत्री ने एक साथ 1100 विकास कार्यों की आधारशिला रखी।
इस समारोह में भार्गव ने बताया कि वे पिछले साढ़े चार वर्षो में अपने क्षेत्र में 8 हजार निर्माण और विकास कार्यो की आधारशिला पहले ही रख चुके हैं। इस तरह अगर देखा जाए तो एक मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 9000 से अधिक विकास कार्यो की आधारशिला रखी है।

न्यूक्लियर बम का फॉर्मूला इंटरनेट पर


नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान के नेटवर्क पर ईरान, उत्तरी कोरिया और लिबिया को परमाणु तकनीकि मुहैया कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र के परमाणु आयोग ने एक रिपोर्ट में कहा है कि परमाणु बम का ब्लूप्रिंट इंटरनेट पर मौजूद है। जिससे ये पता चलता है कि लीबिया को इंटरनेट के जरिए परमाणु बम के ब्लू प्रिंट मिले हैं। इस तरह के गंभीर दस्तावेज का इंटरनेट पर होना सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
इसके अलावा रिपोर्ट में चार साल तक लीबिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों जांच और तथाकथित परमाणु सौदे में ए क्यू खान का संबंध का जिक्र है।
साथ ही आईएईए ने यह भी आशंका जताई है कि ईरान और उत्तरी कोरिया के पास भी इसी तरह के ब्लूप्रिंट हो सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अलबरदेई इस मुद्दे पर कहा कि यह परेशान करने वाला विषय है।
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के संवाददाता मुबाशिर जैदी ने सीएनएनआईबीएन से बातचीत में कहा कि विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि यह पुरानी रिपोर्ट है जिसमें खान को शामिल बताया गया था। और आई क्यू खान ने एक निजी टीवी चैनेल पर इस बात को स्वीकार भी किया था।
इस मामले के बाद उनको नजरबंद कर दिया गया था और वह आज भी नजरबंद हैं। अधिकारी इस बात को पुरानी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ लोग इस मामले के जरिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इससे यह जानना चाहते हैं कि हमारे देश की सीमा पर क्या हो रहा है।

खांसने के बाद 50 प्रतिशत भारतीय हाथ नहीं धोते


कोलकाता। भारत में कम से कम 50 प्रतिशत लोग खांसने और छींकने के बाद अपने हाथों को नहीं धोते हैं। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट से मिली।
डेटॉल लिक्विड एंटीसेप्टिक के निर्माता 'रेस्किट बेंकिशर (इंडिया) लिमिटेड' और 'ग्लोबल हायजेनिक काउंसिल' (जीएचसी) के एक संयुक्त अध्ययन से पता चला कि भारत के 78 प्रतिशत घरों की सतहों पर बैक्टीरिया का स्तर असंतोषजनक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के 90 प्रतिशत रसोई घरों की सतह पर, 83 प्रतिशत रसोई घरों के सिंक और 85 प्रतिशत नलों में अत्यधिक रूप में बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
अध्ययन के अनुसार केवल छह प्रतिशत भारतीय यह मानने को तैयार हैं कि रसोई घरों में लगे नल बीमारी फैला सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में शुरू हुए इस संयुक्त अध्ययन को देश के छह महानगरों में तीन विभिन्न स्तरों पर चलाया गया था।

कॉलेज फीस के लिए वो करेगी कौमार्य नीलाम


कैलिफोर्निया। अमेरिका में एक कॉलेज की छात्रा ने इन दिनों सनसनी फैला रखी है। साथ ही उसने समाज में एक बहस भी छेड़ दी है।
दरअसल इस लड़की ने अपने कुंआरेपन की नीलामी करने की ठानी है। उसकी नीलामी एक सरकारी वेश्यालय की वेबसाइट पर होगी और इसका प्रसारण होगा एक स्थानीय रेडियो पर। छात्रा का दावा है कि कॉलेज फीस भरने और घर वालों की आर्थिक मदद करने के लिए वो ऐसा कर रही है और इसका उसे कोई अफसोस भी नहीं।
22 साल की नतालिया प्राइमरी स्कूल के टीचर की बेटी है। वो बला की खूबसूरत है। ग्रैजुएट है लेकिन उसकी तमन्ना है और पढ़ाई करने की। फीस जुटाने के लिए कैलिफोर्निया के सैन डियागो के साइरस रेडियो पर उसके कुंआरेपन की नीलामी होगी।
रेडियो पर पैसे वाले लगाएंगे कुंआरेपन की बोली। जिसकी बोली सबसे ज्यादा होगी और जो सबसे बेहतर होगा उसे नतालिया के साथ शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार मिलेगा।
नतालिया का दावा है कि वो और पढ़ना चाहती है, लेकिन कॉलेज की फीस भरने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। वो अपने घरवालों की भी आर्थिक मदद करना चाहती है, लेकिन मजबूर है।
आसानी से और ज्यादा पैसे कमाने का उसे और कोई जरिया नहीं सूझा तो उसने अपने कुंआरेपन का सौदा करने का फैसला किया।
इस फैसले पर न तो उसे मलाल है और न दुनिया की परवाह। शॉक जॉक के नाम से मशहूर साइरस रेडियो के मशहूर जॉकी होवार्ड स्टर्न से नतालिया ने नीलामी की बात की। स्टर्न से उसकी मुलाकात करवाई एक स्थानीय कानूनी वेश्यालय के मालिक ने।
वहां नतालिया की बहन काम करती है। नतालिया कहती है-मुझे पता है कि कुछ लोग मेरी वर्जिनिटी को लेकर सवाल उठाएंगे। लेकिन अगर कोई चाहे तो मैं डॉक्टरों से इसकी जांच कराने को तैयार हूं। पढ़ाई और परिवार के लिए अपने कुंआरेपन की नीलामी।
आपको नतालिया का दावा हजम हो या न हो लेकिन पश्चिमी देशों की ये एक कड़वी सच्चाई है। वैसे भी जब किसी भी तरह से पैसा कमाना ही मकसद हो तो फिर दूसरी बहस बेमानी हो जाती है।

Monday, September 8, 2008

आपरेशन के दौरान हो नए नियमों का पालन


Sep 07, 03:40 pm
नई दिल्ली। शल्यक्रिया विशेषज्ञों का कहना है कि शल्यक्रिया की खामियों को रोकने और मरीज की सुरक्षा को बेहतर करने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्ल्यूएचओ] द्वारा आपरेशन थियेटरों के लिए जारी नई सुरक्षा जांच सूची का पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने शल्यक्रिया के दौरान होने वाली गलतियों और मरीज की सुरक्षा के प्रति बढ़ती लापरवाही को रोकने के उद्देश्य से हाल ही में डब्ल््यूएचओ सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट जारी की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक प्रतिवर्ष 23 करोड़ चार लाख बड़ी शल्यक्रियाएं होती हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में शल्यक्रिया विभाग के प्रमुख डा. एमसी मिश्रा ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि शल्यक्रिया की खामियों को रोकने और मरीज की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा आपरेशन थियेटरों के लिए हाल ही जारी नई सुरक्षा जांच सूची का पालन सभी अस्पतालों में वर्तमान समय में अनिवार्य किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. मागर्रेट चांग का इस संबंध में कहना है, रोकी जा सकने वाली शल्यक्रिया की चोटें और मौत गंभीर विषय बनते जा रहे हैं। शल्यक्रिया के दौरान होने वाली गलतियों और मरीज की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए जांच सूची का प्रयोग करना सर्वश्रेष्ठ तरीका है।
डा. मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक अस्पताल को सुरक्षित शल्यक्रिया और गुणवत्ता तथा उपभोक्ता के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। यदि इस जांच सूची का सही पालन किया जाएगा तो सुरक्षित शल्यक्रिया के लक्ष्य को हासिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी। एक प्रश्न के उत्तर में डा. मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक अस्पताल को उपभोक्ता की स्वास्थ्य सुरक्षा और हितों का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा अस्पतालों और चिकित्सा देखभाल संस्थानों के लिए बनाए गए राष्ट्रीय मान्यता बोर्ड [एनएबीएच] से मान्यता प्रमाण पत्र लेना भी अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर अस्पतालों में सुरक्षित शल्यक्रिया व्यवस्था, गुणवत्ता और उपभोक्ता हितों की रक्षा में अपने-आप सुधार आ जाएगा, लेकिन दुख इस बात का है इस देश के सरकारी अस्पताल इसके लिए तैयार नहीं है। इसका प्रमाण यह है कि पिछले तीन साल के दौरान केवल 25 अस्पतालों ने इस प्रकार का प्रमाण पत्र लिया है।
अपोलो अस्पताल के हड्डी रोग विशेष डा. राजू वैश्य ने कहा कि डब्ल्यूएएचओ की नई सुरक्षा जांच सूची के पालन से रोगी के हितों की रक्षा होगी और अस्पताल को भी लाभ मिलेगा। जनता का उन पर विश्वास बढ़ेगा और अस्पतालों में एक नया माहौल बनेगा। हमारे यहां सभी अस्पतालों में अभी इन बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने शल्यक्रिया से संबंधित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ दशकों में शल्यक्रिया देखभाल और गुणवत्ता में काफी सुधार देखने में आया है, लेकिन निराशाजनक रूप से दुनिया के विभिन्न भागों में परिस्थितियों में अंतर है और इस अंतर को कम करने का हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट सूची में आपरेशन के तीन चरणों की पहचान की गई है। ये चरण हैं मरीज को एनस्थीसिया देने से पहले शल्य चिकित्सा प्रारंभ होने से पूर्व और मरीज के आपरेशन थियेटर से बाहर निकलने से पहले। अभी जांच सूची का पहला अंक ही जारी किया गया है।
प्रत्येक चरण में जांच सूची समन्वयक यह सुनिश्चित करता है कि आगे बढ़ने से पहले शल्यक्रिया दल ने अपना काम पूरा कर लिया है या नहीं। प्रथम चरण में मरीज के ज्ञात संक्रमणों की जांच की जाती है और अंतिम चरण में शल्यक्रिया से संबंधित सामान की गिनती की जाती है। जांच सूची का उद्देश्य मरीजों की अपेक्षाओं के अनुरूप स्तर को बढ़ाना है। अनेक अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि विकसित देशों में बड़ी शल्यक्रिया के दौरान 5 से 10 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। उप सहारा अफ्रीका में 150 मरीजों में से एक की मौत जनरल एनस्थीशिया के कारण होती है। व्यावसायिक देशों में तीन से 16 प्रतिशत मरीजों को बड़ी जटिलताओं से जूझना पड़ता है। वहां संक्रमण और अन्य जटिलताएं भी गंभीर विषय हैं।

गुजरात: परीक्षा में पुस्तक ले जाने को मंजूरी


Sep 08, 11:38 pm
गांधीनगर। गुजरात शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को एक अहम फैसले में कक्षा आठवीं, नवमी तथा दसवीं की परीक्षा में पुस्तकें ले जाने को मंजूरी दे दी है। आगामी मानसून सत्र में इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार की मुहर लगने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर इस नीति की वकालत की थी।
गुजरात शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आर के पाठक ने बताया कि सोमवार को शिक्षा समिति, परीक्षा समिति तथा कार्यकारी समिति की बैठक हुई जिसमें कक्षा 8, 9 तथा दसवीं की परीक्षा में पुस्तकें ले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बोर्ड का प्रयास है कि वर्ष 2008-09 में ही इस फैसले को लागू कर दिया जाए।
गौरतलब है कि शिक्षक दिवस पर राज्य के बच्चों को सेटेलाइट के माध्यम से संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने परीक्षा में पुस्तकें ले जाने की वकालत की थी। पाठक ने बताया कि बोर्ड की ओर से इस पर पहले से विचार किया जा रहा था। मुख्यमंत्री के बयान के बाद उनकी नीति को बल मिला। सूत्रों का मानना है कि बोर्ड की मंजूरी के बाद अब इसे सरकार से भी स्वीकृति मिलने की संभावना है।