Wednesday, October 31, 2007

सतारूढ़ भाजपा में असंतोष

राजस्थान में सतारूढ़ भाजपा में असंतोष अब सतह पर आ गया है। पार्टी के असंतुष्ट नेता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता जसवंत सिंह के पैतृक गाँव बाढ़मेर ज़िले के जसौल मे इकट्ठा हो रहे हैं।

इसमें भाग लेने के लिए पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता और मंत्री जसौल पहुँच गए हैं और इसे परिवारिक कार्यक्रम और स्नेहभोज का नाम दिया गया है। ये मतभेद ऐसे समय सामने आए हैं जब भाजपा सत्ता में अपने चार साल पूरे होने पर जश्न मनाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी के इन नेताओं ने हाल ही में भाजपा की राज्य कार्यसमिति की चित्तौड़गढ़ में हुई बैठक का बहिष्कार किया था। बुधवार को जसौल मे नेताओं के जमावड़े को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

इस कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए भाजपा सांसद ललित चतुर्वेदी, सांसद और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, शिक्षामंत्री घनश्याम तिवारी, उद्योग मंत्री नरपतसिंह, सामजिक न्यायमंत्री मदन दिलावर, संसदीय सचिव महावीर प्रसाद जैन सहित अनके नेता जसौल पहुँच रहे हैं। जसवंतसिंह पहले ही वहाँ पहुँच चुके हैं।

निशाने पर वसुंधरा : इससे पहले भाजपा ने पिछले हफ्ते राज्य कार्यसमिति की बैठक की थी। इसमें आठ मंत्रियों, 19 सांसदों और 41 विधायकों ने भाग नहीं लिया।



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पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी इस बैठक में आए, लेकिन इन नेताओं ने बैठक के बहिष्कार का फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया। इन नाराज नेताओं ने कुछ मंत्रियों को निशाना बनाकर सीधे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घेरने का प्रयास किया। वे पार्टी अध्यक्ष महेश शर्मा को हटाने की माँग कर रहे हैं।

नरपतसिंह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह के दामाद हैं और वे चित्तौड़गढ़ से विधायक भी हैं, जहाँ भाजपा ने अपनी कार्यसमिति की बैठक की थी। इसके बावजूद नरपतसिंह ने इसमें भाग नहीं लिया था।

चेतावनी की अनदेखी : हालाँकि पार्टी संगठन ने किसी भी बगावत और असंतोष से इंकार किया है। इन नाराज नेताओं को मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर एतराज है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने असंतुष्टों को चेतावनी भी दी की अनुशासन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, पर मतभेद इतने गहरे हैं कि चेतावनी का कोई खास असर नहीं हुआ।

जसवंतसिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच मतभेद उस समय सामने आए जब उनकी पत्नी शीतल कँवर ने जोधपुर मे वसुंधरा राजे को एक पोस्टर में देवी अन्नपूर्ण बताने पर आपति की और पुलिस को शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया।

इस पर शीतल कँवर ने अदालत की शरण ली और अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन पुलिस को इस पूरी करवाई में कई महीने लगे।

पिछले हफ्ते ही जसवंतसिंह ने कहा कि एक एफआईआर दर्ज कराने में मेरी पत्नी को ही इतना समय लगा तो एक आम आदमी के साथ पुलिस क्या न्याय करेगी?

जसौल सीमावर्ती बाड़मेर जिले में आता है, जहाँ से जसवंतसिंह के पुत्र मानवेन्द्रसिंह भाजपा के सांसद हैं। वे भी अपने इलाके में बाढ़ के बाद राहत की कथित धीमी रफ्तार के चलते सरकार से नाराज हैं।