दफ़्तर में बैठ कर इंटरनेट पर पोर्नोग्राफ़िक या अश्लील साइट देखने वाले सावधान हो जाएँ. यदि आपके किसी सहयोगी को उससे असुविधा है और उसने शिकायत कर दी तो आपकी नौकरी जा सकती है.
एक नए सर्वेक्षण के मुताबिक अधिकतर कंपनियाँ जब अपने कर्मचारियों को इंटरनेट के दुरुपयोग की वजह से बर्ख़ास्त करती हैं तो उसका कारण यह होता है कि वे पोर्नोग्राफ़िक वेबसाइट देख रहे होते हैं.
ब्रिटेन की एक चौथाई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को इंटरनेट के दुरुपयोग की वजह से नौकरी से निकाला है.
दफ़्तरों में इंटरनेट का दुरुपयोग एक आम बात है
लगभग पाँच सौ प्रबंधकों से बात करने पर पता चला कि इन कर्मचारियों के बारे में लगभग 40 प्रतिशत शिकायतें सहयोगियों की ओर से होती हैं.
इस नए अनुसंधान के मुताबिक बर्ख़ास्त किए गए 69 फ़ीसदी कर्मचारी पोर्नोग्राफ़िक साइट्स देखते हुए पाए गए.
यह भी पता चला कि इन प्रबंधकों में से आधे शिकायतें मिलने पर कर्मचारियों के साथ आपस में बातचीत करना पसंद करते हैं लेकिन 29 प्रतिशत मौखिक चेतावनी देने का रास्ता अपनाते हैं.
इंटरनेट का दुरुपयोग
पर्सनेल टुडे पत्रिका और वेबसीन फ़र्मे के लिए संयुक्त रूप से किए गए इस अध्ययन में 544 मानव संसाधन प्रबंधकों और ऐसी कंपनियों के अधिकारियों से बात की गई जहाँ औसतन ढाई हज़ार लोग काम करते हैं.
क़ानूनी फ़र्म मॉर्गन कोल के बैरिस्टर जोनाथन नेलर का कहना है," इंटरनेट के दुरुपयोग के लिए किसी कर्मचारी को निकालना कंपनी को ख़ासा महंगा पड़ता है".
"नए कर्मचारी के लिए विज्ञापन, भर्ती और प्रशिक्षण आदि का ख़र्च तो है ही इससे अन्य कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित होता है और कंपनी की साख पर भी असर पड़ता है".
अक्तूबर, 2000 में ब्रिटेन के कंपनी मालिकों को यह जानने का अधिकार मिल गया कि उनका स्टाफ़ इंटरनेट पर क्या देख रहा है या ईमेल के ज़रिए किस तरह के संदेश भेज रहा है.
कुछ कंपनियाँ फ़िल्टर सिस्टम का भी इस्तेमाल करती हैं जो कुछ आपत्तिजनक साइट्स पर जाने से रोक देता है.
फ़िल्टर का इस्तेमाल यह जानने के लिए भी होता है कि कहीं कर्मचारी कंपनी को धोखा देने या उसके गोपनीय फ़ैसले प्रतिद्वंद्वियों को बेचने के लिए तो नहीं कर रहे हैं.
लेकिन कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को यह अनुमति दे रखी है कि वे भोजनावकाश में ख़रीदारी, खेल और भ्रमण से संबद्ध साइट्स देख सकते हैं.