Wednesday, December 5, 2007

भारत को अंग्रेज़ी में इंडिया क्यों कहते हैं


भारत को इंडिया इसलिए कहते हैं क्योंकि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माताओं ने इस शब्द को अंग्रेज़ों की विरासत के रूप में देश का दूसरा नाम स्वीकार किया. अंग्रेज़ों के भारत पर शासन काल में इंडिया नाम प्रचलित और रूढ़ हो चुका था. जहाँ तक इंडिया शब्द के अंग्रेज़ी में आने की बात है इसके लिए ज़रा पीछे जाना होगा.

भारत का जिन विदेशी व्यापारियों, आक्रमणकारियों, विजेताओं और यात्रियों आदि से संपर्क हुआ, उनके ज़रिए भारत के पुराने नाम सिंधु का उनके देशों में अपने ढंग से प्रचार हुआ. इसके लिए मुख्य रूप से दो स्रोतों का नाम लिया जा सकता है, ईरानी और यूनानी. ईरानी या पुरानी फ़ारसी में सिंधु शब्द का परिवर्तन हिंदू के रूप में हुआ और उससे बना हिंदुस्तान, जबकि यूनानी में ए बना इंडो या इंडोस. बस ए शब्द किसी तरह लेटिन भाषा में जा पहुँचा और इसी से बना इंडिया.

गंगाजल ख़राब नहीं होता, क्यों?


गोमुख से निकली भागीरथी, देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है. यहाँ तक आते-आते इसमें कुछ चट्टानें घुलती जाती हैं जिससे इसके जल में ऐसी क्षमता पैदा हो जाती है जो पानी को सड़ने नहीं देती. हर नदी के जल की अपनी जैविक संरचना होती है, जिसमें ख़ास तरह के घुले हुए पदार्थ रहते हैं जो कुछ क़िस्म के बैक्टीरिया को पनपने देते हैं कुछ को नहीं. बैक्टीरिया दोनों तरह के होते हैं, वो जो सड़ाते हैं और जो नहीं सड़ाते. वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि गंगा के पानी में ऐसे बैक्टीरिया हैं जो सड़ाने वाले कीटाणुओं को पनपने नहीं देते, इसलिए पानी लंबे समय तक ख़राब नहीं होता.

अल जज़ीरा एक सैटलाइट टैलीविज़न


अल जज़ीरा एक सैटलाइट टैलीविज़न नैटवर्क है जो 1996 में शुरू हुआ था. इसका मुख्यालय मध्यपूर्व के देश क़तर की राजधानी दोहा में है और इसके अध्यक्ष हैं शाहज़ादा हमद बिन थामेर अल थानी. इसे शुरू करने के लिए क़तर के अमीर ने 15 करोड़ डॉलर की राशि दी थी. इस चैनल के आने से पहले मध्यपूर्व के दर्शक सरकारी टेलिविज़न ही देखा करते थे. अल जज़ीरा ने स्पष्ट पत्रकारिता और विवादास्पद विषय उठाकर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का परिचय दिया जिसकी वजह से वह कई बार मुश्किल में भी पडा. अल जज़ीरा का खेल चैनल, बच्चों का चैनल और अंग्रेज़ी चैनल भी है. अल जज़ीरा का सबसे लोकप्रिय संवाददाता कौन है यह कहना तो मुश्किल है लेकिन तयस्सिर अलूनी इसके एक लोकप्रिय संवाददाता थे, जिन्होंने 11 सितम्बर को अमरीका पर हुए हमलों से पहले अल क़ायदा के नेता ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू किया था. लेकिन सीरिया में जन्मे और स्पेन के नागरिक अलूनी को आतंकवादी संगठन से सांठ-गांठ के लिए सात साल की जेल की सज़ा दी गई.

ख़ासा पौष्टिक है 'ग़रीब का मेवा'


मूंगफली को ग़रीब की मेवा कहा जाता है. इसमें प्रोटीन और मोनो सैच्युरेटेड चर्बी बड़ी मात्रा में पाई जाती है. इसके अलावा कुछ ऐसे रसायन भी पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. सौ ग्राम मूंगफली में 22 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 50 ग्राम चर्बी और 24 ग्राम प्रोटीन होता है. यूं तो 50 ग्राम चर्बी बहुत हुई लेकिन इसमें सैच्युरेटिड चर्बी मात्र 7 ग्राम होती है, जबकि मोनो सैच्युरेटिड चर्बी 25 ग्राम और पॉली सैच्युरेटिड 16 ग्राम होती है. सैच्युरेटेड चर्बी दिल के लिए नुकसानदेह है क्योंकि इससे ख़राब कोलैस्टरॉल बढ़ता है जबकि मोनो सैच्युरेटिड और पॉली सैच्युरेटिड चर्बी अच्छा कोलैस्टरॉल बढ़ाती है.