
अगर आपसे कहा जाए कि सूचना का अधिकार क़ानून लागू किए जाने के तीन बरस बीत जाने तक सरकार ने इस क़ानून के प्रचार पर जितना खर्च किया, वो शायद एक नेता या नौकरशाह के कुछ महीनों के चाय-पानी के खर्च से भी कम है तो आपको अटपटा लगेगा.पर सूचना का अधिकार क़ानून के प्रचार-प्रसार के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए गए खर्च की यही सच्चाई है.सूचना का अधिकार क़ानून...