Sunday, June 8, 2008

अपहृत बीबीसी संवाददाता की हत्या

अफ़ग़ानिस्तान में बीबीसी के एक युवा संवाददाता की दक्षिणी हेलमंद प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
अब्दुल समद रोहानी का शनिवार को अपहरण कर लिया गया था और रविवार को लश्कर गाह नाम के स्थान पर उनकी लाश पाई गई है.
बीबीसी ने रोहानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "रोहानी की हिम्मत और लगन अफ़ग़ानिस्तान में बीबीसी की रिपोर्टिंग का अहम हिस्सा रही है."
रोहानी बीबीसी के काबुल स्थित ब्यूरो ऑफ़िस के लिए काम करते थे और बीबीसी की पश्तो सेवा के हेलमंद संवाददाता थे.
हेलमंद प्रांत में पिछले कुछ समय से तालेबान के छापामार लगातार हमले कर रहे हैं.
बीबीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "रोहानी और उनके साथियों की साहसिक रिपोर्टिंग की ही बदौलत बीबीसी अफ़ग़ानिस्तान का सच दुनिया के सामने ला पाती है."
इस बयान में कहा गया है, "उनकी मौत से हमें एक भारी सदमा लगा है और इस दुखद घड़ी में हमारी संवेदना उनके परिवार के साथ है."
इस वर्ष अफ़ग़ानिस्तान में पत्रकारों पर कई हमले हुए हैं, पिछले वर्ष भी अफ़ग़ानिस्तान में पाँच पत्रकार मारे गए थे.
यह सप्ताहांत बीबीसी के लिए ख़ासा बुरा रहा, इससे पहले सोमालिया में किसमायो में पत्रकार नश्ते दहीर की हत्या कर दी गई, दहीर बीबीसी और समाचार एजेंसी एपी के लिए रिपोर्टिंग किया करते थे.

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‘हनुमान’ है इंजीनियरिंग कालेज के अध्यक्ष

06 जून 2008 आईबीएन-7 लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। लखनऊ के एक तकनीकि संस्थान में एक मजेदार वाक्या सामने आया है। लखनऊ के ‘सरदार भगत सिंह टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट’ के चेयरमैन के पद पर बजरंगबली को बिठाया गया है और यह फैसला इसके ट्रस्टियों ने लिया है।दरअसल, ट्रस्टियों के बीच चेयरमैन के पद को लेकर आपस में किसी तरह का समझौता नहीं हो पा रहा था। इसीलिए यहां के ट्रस्टियों ने अपने आराध्य देव हनुमान को ही इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंप दी। अब इस कालेज की पूरी जिम्मेदारी हनुमान जी की देख-रेख में हो रही है।मजे की बात तो यह है कि इस कालेज में चेयरमैन का एक बड़ा कमरा है। कमरे के बाहर हनुमान जी के नाम का बोर्ड लगा हुआ है और चेयरमैन की कुर्सी पर हनुमान जी की प्रतिमा को बिठा दिया गया है। ट्रस्टियों ने चेयरमैन की सहायता के लिए एक वाइस-चेयरमैन (उपाध्यक्ष) भी नियुक्त किया है।उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि वो सुबह कालेज के चेयरमैन हनुमान जी के कमरे में जाकर उनका दर्शन करें और उसके बाद अपने काम की शुरुआत करें। ‘सरदार भगत सिंह टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट’ के ट्रस्टी पंकज सिंह भदौरिया का कहना है कि, “हनुमान जी में हमारी अटूट श्रद्धा रही है, हम जो भी काम करते हैं उसकी शुरुआत हनुमान जी से ही करते हैं। इसलिए हम लोगों ने हनुमान जी को ही ये जिम्मेदारी सौंप दी।”ट्रस्टियों का यह तर्क भी है कि “हनुमान जी हर तरह का ज्ञान रखते हैं। इसलिए उनके लिए ये जिम्मेदारी तो बहुत ही छोटी है। लंकापति रावण के साथ हुए युद्ध में भगवान राम ने युद्ध के प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी हनुमान जी को ही दी थी। इसलिए हम लोगों ने उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है।”वहीं, कालेज से जुड़े लोगों का मानना है कि जब से हनुमान जी ने इस कालेज के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभाली है, कालेज में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।

http://www.josh18.com/showvideo.php?id=220531

कम्प्यूटर से चलती पान की दुकान

7 जून 2008इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
इंदौर। अभी तक आपने हजारों पान की दुकानें देखी होंगी मगर आज हम एक ऐसी पान की दुकान के बारे में आपको बताने जा रहे है जो औरों से अलग है। इसकी खासियत यह है कि यहां आपको सिर्फ एक बार अपना मीनू बताना पड़ता है क्योंकि यह पान की दुकान अत्याधुनिक है। दोबारा आने पर आपको मीनू नहीं अपना नाम बताना होता है और आपकी पसंद का पान हाजिर हो जाता है।इंदौर के बड़ा गणपति चौराहे पर स्थित ‘अप्सरा पान शॉप’ औरों से अलग है। इस दुकान में अन्य पान की दुकानों की तरह चमक-दमक तो है ही साथ ही ग्राहकों का ब्यौरा दर्ज करने के लिए कम्प्यूटर भी लगा है।यहां जो भी पान के शौकीन आते हैं उन्हें सिर्फ एक बार ही आपना मसाला बताना पड़ता है। दुकान के संचालक राम कृष्ण वर्मा बताते हैं उनके यहां जो ग्राहक आता है उसका मसाला कम्प्यूटर में दर्ज कर दिया जाता है साथ ही उसे एक ‘ग्राहक नम्बर’ भी दिया जाता है।पढ़ें
: ताज को वोट दें और मुफ्त में पान खाएं अगली दफा जब वही ग्राहक पुन: दुकान पर पहुंचता है तो उसे सिर्फ अपना नाम और ‘ग्राहक नम्बर’ बताना होता है और कुछ ही देर में उसकी पसंद का पान हाजिर हो जाता है। इससे राम कृष्ण को तो लाभ हो ही रहा है साथ में ग्राहकों का भी समय बच जाता है।राम कृष्ण बताते कि उनके नियमित ग्राहक अपने घर अथवा दफ्तर से निकलने से पहले ही फोन करके अपना ग्राहक नम्बर बता देते हैं और उन्हें आते ही पान तैयार मिल जाता है। इतना ही नहीं घर और दफ्तर तक उन्होंने पान भेजने की भी व्यवस्था कर रखी है। इसके लिए उनकी दुकान पर 40 कर्मचारियों को रखा गया है।राम कृष्ण की दुकान का पान खाने वाले देश और विदेश में भी है। उन तक भी पान पहुंचाने का इंतजाम उनके पास है। राम कृष्ण के कम्प्यूटर में 4,000 से अधिक ग्राहकों के रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिसकी पसंद कम्प्यूटर बता देता है।वे जल्दी ही ऑनलाइन सुविधा शुरू करने वाले हैं।