Marwar News! Sep 23, 06:55 pm
न्यूयार्क। धूम्रपान करना खुद के साथ ही संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की सेहत के लिहाज से भी खतरनाक है। हालिया शोध में कहा गया है कि किसी अन्य के द्वारा छोड़े गए सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने यानी 'सैकेंड हैंड स्मोक' से भी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इससे महिलाओं में 'पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज' [पैर की धमनियों की बीमारी] होने का खतरा बढ़ जाता है। इस रोग के घातक होने पर पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
इससे पहले किए गए अन्य शोध में धूम्रपान से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ने की बात कही जा चुकी है। ताजा अध्ययन चीन की महिलाओं पर किया गया। प्रमुख शोधकर्ता बीजिंग के डा. याओ ही कहते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं लेकिन इसके दुष्परिणाम महिलाओं को ज्यादा भुगतने पड़ते हैं।
इस अध्ययन में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र की 1209 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया था। इनमें से 477 महिलाओं ने घर या आफिस में सैकेंड हैंड स्मोक की बात स्वीकारी। शोधकर्ताओं के अनुसार सैकेंड हैंड स्मोक की वजह से महिलाओं में पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज का खतरा 67 फीसदी तक बढ़ा पाया गया। यही नहीं, उनमें हृदय रोग का 69 फीसदी और स्ट्रोक का खतरा 56 फीसदी तक अधिक पाया गया।
न्यूयार्क। धूम्रपान करना खुद के साथ ही संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की सेहत के लिहाज से भी खतरनाक है। हालिया शोध में कहा गया है कि किसी अन्य के द्वारा छोड़े गए सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने यानी 'सैकेंड हैंड स्मोक' से भी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इससे महिलाओं में 'पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज' [पैर की धमनियों की बीमारी] होने का खतरा बढ़ जाता है। इस रोग के घातक होने पर पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
इससे पहले किए गए अन्य शोध में धूम्रपान से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ने की बात कही जा चुकी है। ताजा अध्ययन चीन की महिलाओं पर किया गया। प्रमुख शोधकर्ता बीजिंग के डा. याओ ही कहते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं लेकिन इसके दुष्परिणाम महिलाओं को ज्यादा भुगतने पड़ते हैं।
इस अध्ययन में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र की 1209 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया था। इनमें से 477 महिलाओं ने घर या आफिस में सैकेंड हैंड स्मोक की बात स्वीकारी। शोधकर्ताओं के अनुसार सैकेंड हैंड स्मोक की वजह से महिलाओं में पैरीफ्रल आर्टियल डिजीज का खतरा 67 फीसदी तक बढ़ा पाया गया। यही नहीं, उनमें हृदय रोग का 69 फीसदी और स्ट्रोक का खतरा 56 फीसदी तक अधिक पाया गया।