Friday, March 28, 2008

इस्लाम धर्म के अनुयायी शुक्रवार को पवित्र क्यों मानते हैं?


वैसे तो इस्लामी मान्यता के अनुसार सभी दिन एक समान हैं लेकिन शुक्रवार को सैय्यदुल ऐय्याम कहा गया है यानी दिनों का सरदार. यह माना जाता है कि इसी दिन मानव जाति को बनाया गया था और प्रलय यानी क़यामत भी शुक्रवार को ही होगी. जो लोग मर चुके हैं एक बार फिर ज़िंदा किए जाएंगे और ख़ुदा के सामने पेश होंगे. इसे बड़े इश्तमा का दिन बताया गया है. क़ुरआन में सूर ए जुमा है जिसमें लिखा है कि अल्लाह के ज़िक्र की तरफ़ लपक कर जाओ और मिलजुलकर एक जगह एकत्र होकर उसका ज़िक्र करो. जुमा छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन जब दोपहर के समय की अज़ान हो तो सभी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियाँ छोड़कर अल्लाह के ज़िक्र और नमाज़ के लिए एकत्र होना चाहिए. एक बात और है कि असर और मग़रिब की नमाज़ के बीच, यानी दोपहर बाद और सूर्यास्त की नमाज़ के बीच जो दुआ मांगी जाती है उसे अल्लाह विशेष रूप से क़ुबूल करता है.

बाल क्यों गिरते हैं?


सामान्य व्यक्ति की खोपड़ी में कोई एक लाख रोमकूप होते हैं और हरएक रोमकूप से उसके जीवन काल में कोई 20 बाल निकल सकते हैं. हर बाल एक महीने में कोई एक सेंटीमीटर बढ़ता है. एक वक़्त में सिर के 90 प्रतिशत बाल बढ़ रहे होते हैं जबकि 10 प्रतिशत आराम कर रहे होते हैं. आराम कर रहे बाल दो या तीन महीने के अंदर गिर जाते हैं. इस तरह हर रोज़ हमारे कोई 100 बाल गिर जाते हैं. यानी 100 बालों का गिरना सामान्य है. लेकिन अगर इससे अधिक बाल गिरते हैं तो चिंता होना लाज़मी है. इसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे लंबी बीमारी या शल्य चिकित्सा के बाद अधिक बाल गिर सकते हैं. अगर आप अधिक तनाव की स्थिति में हैं तब भी बाल गिरते हैं. अगर आपकी थाइरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर रही तो उसका असर भी पड़ सकता है. बच्चा पैदा होने के बाद भी कई महिलाओं के बाल गिरने लगते हैं क्योंकि उनके शरीर में हारमोंस का संतुलन बिगड़ जाता है. कई दवाओं के प्रयोग से बाल गिरने लगते हैं जैसे ख़ून को पतला करने वाली दवा, कैंसर के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाएं, गर्भनिरोधक दवाएं या ऐंटी डिप्रैसैंट. कई बार फ़ंगस इन्फ़ैक्शन से भी बाल गिरने लगते हैं.

सबसे पुराना ध्वनि दस्तावेज़ मिला


अमरीकी ध्वनि इतिहासकारों ने एक ऐसी रिकॉर्डिंग को खोजने और बजाने का दावा किया है जिसे मानव की रिकॉर्ड की गई आवाज़ का सबसे पुराना दस्तावेज़ माना जा रहा है.दस सेकेंड की यह रिकार्डिंग 1860 में बनी है. उसमें एक महिला की आवाज़ है और वह एक फ़्रैंच गीत का अंश गा रही है.

इतिहासकार इसे एडिसन की फ़ोनोग्राफ़ खोज से भी 17 वर्ष पुराना बता रहे हैं. फ़ोनोग्राफ़ एक ऐसा यंत्र है जिसमें रिकार्ड की हुई ध्वनियों को बजाया जाता है.

ध्वनि इतिहासकार डेविड गिओवन्नोनी ने गुरुवार को समाचार एजेंसी रायटर को को बताया, “यह जादुई है, यह उसी तरह से है जैसे भूत गा रहा हो.”


यह जादुई है, यह उसी तरह से है जैसे भूत गा रहा हो


डेविड गिओवन्नोनी, ध्वनि इतिहासकार

ध्वनि तकनीशियन और जानकार इसे मानव की आवज़ की शुरुआती रिकार्डिंग बता रहे हैं.

गिओवन्नोनी ने बताया कि इसे पर्सियन आविष्कारक एडुअर्ड-लेअन स्कॉट द मार्टिनविल्ले ने नौ अप्रैल 1860 को एक यंत्र ‘फ़ोनॉटोग्राफ़’ पर बनाया था. ये यंत्र ध्वनि को तेल वाले लैम्प के धुएं से काला किए गए काग़ज के टुकडे पर उकेरता है.

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ये रिकॉर्डिंग कैलिफ़ोर्निया में स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के एसोसिएशन फ़ॉर रिकार्डेड साउंड कलेक्शंस में प्रस्तुत की जाएगी.

गिओवन्नोनी ने कहा, “यह दुनिया कि सबसे पुरानी तस्वीर खोजने जैसा है जो कैमरे के आविष्कार के 17 वर्ष पहले ली गई थी.”

उन्होंने कहा कि फ़ोनॉटोग्राफ़ रिकार्डिंग कभी बजाने के लिए नहीं की जाती है.

“हमने ध्वनि की आकृतियों का अध्ययन किया था जिन्हें बाद में बजाया जा सका.”

'कश्मीर में बच्चों को बंदूक नहीं क़लम मिले'

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सहअध्यक्ष आसिफ़ अली ज़रदारी ने कहा है कि कश्मीर में बच्चों को बंदूक की जगह क़लम दी जानी चाहिए.


उन्होंने कहा है कि कश्मीर में शांति होनी चाहिए और इस कश्मीर नीति को वे पाकिस्तान की संसद में लेकर जाएँगे.

जम्मू-कश्मीर के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती से मुलाक़ात के बाद ज़रदारी ने कहा कि लोकतंत्र में युद्ध के लिए कोई जगह नहीं होती.

महबूबा मुफ़्ती से मुलाक़ात के बाद ज़रदारी ने पत्रकारों से बातचीत की और कहा, "कश्मीर से आई मेरी बहन कह रही हैं कि वे अमन की बात करने आई हैं. तो मैं ये कहना चाहता हूँ मेरी पार्टी का हमेशा से यही मानना रहा है. जनता जंग नहीं करती."
हम तो चाहते हैं कि बंदूकों में ज़ंग लग जाए. हम तो आपसी भरोसा बढ़ाने के क़दमों की बात नहीं कर रहे. हम तो इस दिशा में कार्रवाई चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हम आगे बढ़े और ये मसला हल हो


आसिफ़ ज़रदारी

पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती बेनज़ीर भुट्टो की मौत के प्रति संवेदना व्यक्त करने ज़रदारी से मिली थीं. इस मुलाक़ात में दोनों के बीच कश्मीर पर विस्तार से बातचीत हुई जिसके बाद ज़रदारी ने ये बयान दिया है.

अमन

आसिफ़ अली ज़रदारी ने कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर में अमन चाहती है. उन्होंने वादा किया है कि उनकी पार्टी में इस दिशा में कश्मीर नीति लेकर आएगी.

आसिफ़ अली ज़रदारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पूरे इलाक़े में शांति क़ायम हो और पाकिस्तान से लगी सभी सीमाओं पर अमन रहे.

उन्होंने कहा, "हम तो चाहते हैं कि बंदूकों में ज़ंग लग जाए. हम तो आपसी भरोसा बढ़ाने के क़दमों की बात नहीं कर रहे. हम तो इस दिशा में कार्रवाई चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हम आगे बढ़े और ये मसला हल हो."

ज़रदारी ने यहाँ तक कहा कि वे चाहते हैं कि जिन बच्चों के हाथ में बंदूकें हैं उन्हें क़लम दी जाए, उन्हें कारोबार दे दी जाए, तो बेहतर होगा.

महबूबा मुफ़्ती ने भी कश्मीर मसले पर सुलह-सफ़ाई की पैरवी की और कहा कि इस समय ये मसला हल करने का सही समय है. उन्होंने कहा, "बहुत ख़ून बहा, यहाँ भी और वहाँ भी. हमें कोशिश करनी चाहिए कि सुलह-सफ़ाई हो. कारोबार बढ़ाना चाहिए और आने-जाने की सुविधाएँ मिलनी चाहिए."

पाकिस्तान में कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के यूसुफ़ रज़ा गीलानी के नेतृत्व में नई गठबंधन सरकार बनी है.