Sunday, May 11, 2008

एक दशक बाद नहीं दिखेंगे गिद्ध!

MarwarNews!
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले दस सालों में एशियाई गिद्ध विलुप्त हो सकते हैं.
इसके लिए जानवरों को दी जाने वाली एक दवा को दोषी ठहराया गया है.
सर्वेक्षण करने वाली टीम का कहना है कि हालांकि सरकार ने जानवरों को दर्द के लिए दी जाने वाली दवा डाइक्लोफ़ेनाक पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन इसे अभी भी किसानों को बेचा जा रहा है.
यह नया सर्वेक्षण बॉम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि सफ़ेद पूँछ वाले एशियाई गिद्धों की संख्या 1992 की तुलना में 99.9 प्रतिशत तक कम हो गई है.
इसके अनुसार लंबे चोंच वाले और पतले चोंच वाले गिद्धों की संख्या में भी इसी अवधि में 97 प्रतिशत की कमी आई है.
ज़ूलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ लंदन के एंड्र्यू कनिंघम इस रिपोर्ट के सहलेखक भी हैं. वे कहते हैं, "इन दो प्रजातियों के गिद्ध तो 16 प्रतिशत, प्रतिवर्ष की दर से कम होते जा रहे हैं."
उनका कहना है, "यह तथ्य अपने आपमें डरावना और विचलित करने वाला है कि सफ़ेद पूँछ वाले गिद्ध हर साल 40 से 45 प्रतिशत की दर से कम होते जा रहे हैं."
ख़तरनाक दवा
इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने कहा था कि यदि भारत में लगातार विलुप्त हो रहे गिद्धों को बचाना है तो जानवरों को दी जाने वाली दवा को बदलना होगा.
इससे पहले प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि इस दवा को खाने वाले जानवरों का मांस खाकर पिछले सालों में गिद्ध की प्रजाति लगातार ख़त्म हुई है.
शोधकर्ताओं ने सलाह दी थी कि जानवरों को डाइक्लोफ़ेनाक नाम की दर्दनाशक दवा को बंद कर देना चाहिए.
भारत सरकार ने इसे वर्ष 2006 में प्रतिबंधित भी कर दिया गया था लेकिन भारतीय और ब्रिटिश शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रतिबंध का कोई ख़ास असर नहीं हुआ है.
उनका कहना है कि जानवरों के लिए डाइक्लोफ़ेनाक दवा के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन अब लोग मनुष्यों के लिए बन रही दवा का उपयोग जानवरों के लिए कर रहे हैं.
उनका कहना है कि दवा का आयात किया जा रहा है और इसका उपयोग हो रहा है.
इससे पहले शोधकर्ताओं ने डाइक्लोफ़ेनाक की जगह मेलोक्सिकैम नाम की दवा के उपयोग की सलाह दी थी लेकिन चूँकि वह डाइक्लोफ़ेनाक की तुलना में दोगुनी महंगी है इसलिए इसका उपयोग नहीं हो रहा है.
उपयोगी गिद्ध
हर साल आधी होती जा रही है गिद्धों की जनसंख्या
वैसे तो गिद्ध भारतीय समाज में एक उपेक्षित सा पक्षी है लेकिन साफ़-सफ़ाई में इसका सामाजिक योगदान बहुत महत्वपूर्ण है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गिद्धों के विलुप्त होने की रफ़्तार यही रही तो एक दिन ये सफ़ाई सहायक भी नहीं रहेंगे.
जैसा कि वे बताते हैं 90 के दशक के शुरुआत में भारतीय उपमहाद्वीप में करोड़ों की संख्या में गिद्ध थे लेकिन अब उनमें से कुछ लाख ही बचे हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि गिद्धों को न केवल एक प्रजाति की तरह बचाया जाना ज़रुरी है बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी ज़रुरी है.
वे चेतावनी देते रहे हैं कि गिद्ध नहीं रहे तो आवारा कुत्तों से लेकर कई जानवरों तक मरने के बाद सड़ते पड़े रहेंगे और उनकी सफ़ाई करने वाला कोई नहीं होगा और इससे संक्रामक रोगों का ख़तरा बढ़ेगा.

भजन गाओ और तनाव दूर भगाओ

MarwarNews!
लंदन. यदि आप उच्च रक्तचाप और तनाव से पीड़ित हैं तो दवाओं पर पैसा बहाने की बजाए किसी मंदिर में जाकर भजन-कीर्तन में हिस्सा लें।
डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट में ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि लोगों को प्राणायाम की शिक्षा देने तथा भजन-कीर्तन या मंत्रोच्चर जैसी धुन का प्रयोग करने पर उनमें तनाव का स्तर कम हुआ और उनकी भावनात्मक स्थिति सकारात्मक हुई। शोधकर्ताओं ने इस तथ्य की पुष्टि के लिए कि चर्च में पुरुष गान समूहों में गाए जाने वाले ग्रेगोरियन पद्धति के भजन से तनाव कम होता है, वियना के प्राचीन ईसाई मठ के भिक्षुओं के दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर पर 24 घंटे तक निगाह रखी। भजन के दौरान दोनों न्यूनतम स्तर पर पाए गए।
* ग्रेगोरियन पद्धति के भजन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह तनाव घटाकर व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ा सकता है।- डॉ. एलैन वाटकिंस, वरिष्ठ व्याख्याता, न्यूरोसाइंस, इंपीरियल कालेज लंदन

माँ का दूध पीने वाले ज्यादा स्मार्ट!

Good News!
लंदन.माँ का दूध पीकर बड़े होने वाले बच्चे बोतल या डिब्बा बंद दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में अधिक स्मार्ट होते हैं।
लंदन स्थित मेकगिल विश्वविद्यालय के प्रो. मिशेल क्रेमर द्वारा हाल ही में किए गए शोध में यह बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि नैसर्गिक रूप से दुग्धपान करने वाले बच्चे बड़े होकर अधिक कुशाग्र बुद्धि के होते हैं और ऐसे बच्चे न सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में तेज होते हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी अधिक कुशलता से निभाते हैं।
प्रो. क्रेमर ने कहा कि उनके इस शोध से दुग्धपान को बढ़ावा देने के लिए चल रही विश्वव्यापी मुहिम को प्रभावी बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि 14 हजार बच्चों पर किए गए शोध में पाया गया कि दुग्धपान करने वाले बच्चों की बुद्धिमत्ता का स्तर (आईक्यू) कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में अधिक होता है।

कश्मीर में मुठभेड़ ख़त्म, आठ की मौत

Good News!
भारत प्रशासित कश्मीर के सांबा इलाक़े में सेना के साथ मुठभेड़ मे दो चरमपंथियों समेत आठ लोग मारे गए है.
मुठभेड़ में 11 लोग घायल भी हुए हैं. मारे गए लोगों में सेना के दो जवान भी शामिल हैं.
डीआईजी पुलिस फ़ारुख खान का कहना है कि कि मुठभेड़ ख़त्म हो गई है और दो चरमपंथी मारे गए हैं. मारे गए लोगों में दो महिलाएँ और एक स्थानीय अख़बार का वरिष्ठ फ़ोटो पत्रकार शामिल है.
घायलों में एक मेजर, पुलिस अधिक्षक (ऑपरेशन्स) और टीवी चैनल आईबीएन सेवन का वीडियोग्राफ़र शामिल है.
जम्मू के क़रीब सांबा के केलीमंडी इलाक़े में रविवार सुबह चरमपंथियों ने अचानक फ़ायरिंग शुरू कर दी. हमला करने के बाद चरमपंथी क़रीब के ही मकानों में छिप गए.
सुरक्षाबलों ने इस मकान को घेर लिया. चरमपंथियों ने इस दौरान कुछ ग्रेनेड भी इस्तेमाल किए और कुछ लोगों को मकानों के अंदर ही बंदी बना लिया.
मुठभेड़
चरमपंथी दो घरों में छिपे गए. सुरक्षाबलों और चरमपंथियों के बीच रुक रुक कर गोलियाँ चलती रहीं. एक महिला जो उस घर में छुपी हुई थी, उसकी इस गोलीबारी में मौत हो गई.
मुठभेड़ में फोटो पत्रकार अशोक सोढ़ी की मौत हो गई
घर में फंसी एक अन्य महिला और दो बच्चों को सुरक्षाबलों ने बचा लिया. इस मुठभेड़ में एक स्थानीय अख़बार के वरिष्ठ फ़ोटो पत्रकार अशोक सोढी भी मारे गए हैं.
साथ ही एक जवान अतुल कुमार की भी मृत्यु हो गई. गोलीबारी में होशियार सिंह और उनकी पत्नी की भी मौत हो गई.
इस चरमपंथी हमले में होशियार सिंह की बेटी और उनके घर पर आए एक मेहमान भी घायल हो गए.
मुठभेड़ में दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि मुठभेड़ में कई अन्य पत्रकार भी घिर गए थे.
सुरक्षा बलों ने फ़िलहाल सैलानियों को इस इलाक़े में जाने से रोक दिया है. सुरक्षा बलों का मानना है कि गुरुवार को हुई घुसपैठ में ये चरमपंथी भारत प्रशासित कश्मीर में दाखिल हुए होंगे.
हालांकि पहले सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात से इनकार किया था कि गुरुवार को भारत और पाकिस्तान की तरफ़ से हुई गोलीबारी में कोई चरमपंथी भारत प्रशासित कश्मीर में दाखिल हुआ था.