Monday, March 17, 2008

'सबको लुभाती है लंबी टाँगें'


मर्द और औरतों का एक दूसरे के लिए आकर्षण प्राकृतिक समझा जाता है लेकिन एक ताज़ा शोध में ऐसा भी सामने आया है कि सामान्य से थोड़ी लंबी टाँग वाले मर्द और औरतें एक-दूसरे को ज़्यादा आकर्षित करते हैं.पोलैंड में किए गए एक शोध का नतीजा यही है कि अगर आपकी टाँगे आम लोगों की टाँगों से ज़्यादा लंबी है तो यक़ीन मानिए आप पर ज़्यादा लोगों की नज़रें टिकी होंगी.

शोधकर्ताओं ने महिलाओं और पुरुषों के एक समूह को कुछ तस्वीरें दीं जिनमें दोनों को वही तस्वीरें भाईं जिनमें चालाकी से पैरों की लंबाई को असली लंबाई से पाँच फ़ीसदी बढ़ा दिया गया था.

लेकिन "न्यू साइंटिस्ट" में छपी इस शोध रिपोर्ट का यह भी कहना है कि टाँगे बहुत ज़्यादा लंबी हों तो भी वे आकर्षक नहीं रह जाती.

तस्वीरों में मूल लंबाई से 15 फ़ीसदी ज़्यादा लंबी दिखाई गई टाँगों को लेकर साफ़तौर पर कम रोमांच देखने को मिला.

टाँगों की मूल जोड़ी को लेकर आकर्षण का स्तर वैसा ही पाया गया जैसा कि लंबाई में 10 फ़ीसदी की वृद्धि कर बनाई गई तस्वीरों को लेकर दर्ज किया गया.

'लंबी टाँगें, स्वस्थ शरीर'वर्कले यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पुरुष और महिलाओं की सात तस्वीरों में टाँगों की लंबाई के साथ कंप्यूटर पर छेड़छाड़ की.

महिलाओं और पुरुषों की ये टाँगें अलग-अलग लंबाई वाली थीं.

शोधकर्ताओं ने असली लंबाई से छेड़छाड़ कर बनाई गई तस्वीरों को पसंद करने के लिए 218 लोगों के सामने रखा. पसंद करने वालों में पुरुष और महिलाएँ दोनों को रखा गया था.

शोधकर्ताओं की टीम के मुखिया डॉ. बोगस्लॉ पावलॉस्की कहते हैं, "लंबी टाँगे अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक है."

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई सर्वेक्षण कराया जाए तो उसमें भी लंबी टाँगों को लेकर नतीजे इससे अलग नहीं होंगे.

'छोटी टाँगें, रोग का योग'
बहुत से ऐसे शोध सामने आए हैं जिनसे इस तरह के निष्कर्ष बढ़ रहे हैं जिनमें लंबी टाँगों को बेहतर स्वास्थ्य से जोड़ा गया है.


बहुत लंबी भी ठीक नहीं...
यह बहुत रोचक है कि मामूली रूप से लंबी टाँग वाले, बहुत लंबी टाँगें वालों से ज़्यादा लुभावने होते हैं. लोग मामूली वृद्धि को तरज़ीह देते हैं लेकिन टाँगें इतनी भी लंबी न हो जाएँ कि वो अजीब दिखने लगे


डॉक्टर जॉर्ज फ़ील्डमैन, मनोवैज्ञानिक

हाल में ब्रिटेन में एक अध्ययन का तो यह कहना था कि छोटी टाँग वाले लोगों को लीवर की बीमारी का ख़तरा ज़्यादा होता है.

बकिंघमशर न्यू यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के मुख्य व्याख्याता डॉक्टर जॉर्ज फ़ील्डमैन कहते हैं कि लंबी टाँगें शायद पहली चीज़ नहीं हों जिसे सामने वाला देखता है.

उनका कहना है कि इस लिहाज़ से शरीर का वह पूरा हिस्सा महत्वपूर्ण है जिस पर महिलाएँ या पुरुष सबसे पहले नज़र फेरते हैं.

वह कहते हैं, "यह बहुत रोचक है कि मामूली रूप से लंबी टाँग वाले लोग, बहुत लंबी टाँग वालों से ज़्यादा लुभावने होते हैं. लोग मामूली वृद्धि को तरजीह देते हैं लेकिन टाँगें इतनी भी लंबी न हो जाएँ कि वो अजीब दिखने लगे."

'ज़्यादा ईर्ष्यालु' होते हैं छोटे क़द वाले


कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे क़द के लोगों के ईर्ष्यालु होने की ज़्यादा संभावना होती है. ये हो सकता है कि मर्द और औरतों में इसके कारण अलग-अलग हों.
स्पेन और पुर्तगाल के शोधकर्ताओं ने 549 पुरुषों और महिलाओं से कई तरह के सवाल किए जिससे यह समझा जा सके कि वे किन चीज़ों को लेकर कितनी जलन महसूस करते हैं और ख़ुद को असुरक्षित पाते हैं.
'न्यू साइंटिस्ट' पत्रिका में छपे इस अध्ययन में पाया गया कि छोटे क़द वाले पुरुष अपने को अमीर, मज़बूत और आकर्षक प्रतिद्वंद्वियों से कमज़ोर पाते हैं. जबकि लंबे लोग ऐसी बातों से बेफ़िक्र रहते हैं.
महिलाओं के बीच ईर्ष्या का सबसे बड़ा कारण दूसरे औरत की सुंदरता और उसकी चमक को पाया गया. छोटी और लंबी क़द की महिलाओं में यह ईर्ष्या सबसे ज़्यादा दिखी.
औसत लंबाई की औरतें कम ईर्ष्यालु होती हैं लेकिन अलग लंबाई की औरतों से ख़ुद को असुरक्षित महसूस करती हैं.
ग्रोनिनगेन और वेलेंसिया विश्वविद्यालय के दल की इस शोध में पाया गया कि औसत क़द की महिलाएँ ज़्यादा स्वस्थ और सफल होना चाहती हैं. परिणाम यह होता है कि इन गुणों से संपन्न महिलाएँ उनकी भाती हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि औसत क़द की महिलाएँ सामाजिक स्थिति या शारीरिक मज़बूती जैसे मर्दाना लक्षण वाली लंबी क़द की महिलाओं से ज़्यादा जलती हैं.

'शान से जुड़ा है क़द'

मूल रूप से 'जर्नल ऑफ़ इवोल्यूशन एंड ह्यूम बिहेवियर' में छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबी क़द के पुरुष कम ईर्ष्यालु हो सकते हैं क्योंकि मर्दों में लंबाई को आकर्षक व्यक्तित्व और बेहतर प्रजनन क्षमता से जोड़कर देखा जाता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राणी जगत के दूसरे जीवों में भी यह बात दिखती है कि लंबा पुरुष जीव लड़ाई जीतता है, प्रभाव कायम करता है और मादा तक पहुँच के मामले में वर्चस्व रखता है.

शोधदल का मानना है कि मानव में लंबाई वह चीज़ है जिस पर किसी की भी नज़र सबसे पहले जाती है और यह प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मामला है.

इन लोगों ने पिछले दिनों किए गए उन अध्ययनों का हवाला भी दिया है जिनमें बताया गया था कि लंबे मर्द करियर में ज़्यादा सफल होते हैं, ज़्यादा कमाते हैं और उनके पास ज़्यादा आकर्षक महिला मित्रों का साथ होता है.

मुख्य शोधकर्ता अब्राहम कहते हैं कि अब इस शोध से यह पता चलता है कि लंबे क़द के मर्द मनोवैज्ञानिक तौर पर भी लाभ की स्थिति में रहते हैं.

लेकिन मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ईर्ष्या के पीछे दूसरे कारण काम करते हैं.

ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक समिति के सिमॉन गेल्सथोर्पे कहते हैं, "ईर्ष्या एक तरह का ख़ौफ़ है. यह अपने प्यार को खोने का डर है."