Saturday, September 13, 2008

कान से देखता है बेन!


कैलिफोर्निया। पंद्रह साल का एक लड़का इस धरती का पहला ऐसा इंसान है जो बिना आंखों के सब कुछ देखता है। नाम है बेन अंडरवुड। कैलिफोर्निया का रहने वाला 15 साल का बेन नेत्रहीन है लेकिन उसकी गतिविधियां पूरी दुनिया को हैरान कर रही हैं।
बेन बास्केटबॉल खेलता है, साइकिल चलाता है, यहां तक कि स्केटिंग भी करता है। बेन के मां-बाप ही नहीं, बल्कि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी उसे देखकर हैरान हैं। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर बेन बिना आंखों के कैसे देख सकता है।
कैसे वो आम बच्चों की तरह हर काम करता है। दरअसल बेन जब दो साल का था, तभी उसकी आंखों में रेटिनल कैंसर हो गया था। ये गंभीर बीमारी साठ लाख लोगों में से एक को होती है। इस कैंसर की वजह से उसकी आंखें निकालनी पड़ीं।
लेकिन इसके बावजूद बेन को कोई फर्क नहीं पड़ा और वो बिना आंखों के ही सब कुछ देखने लगा। बेन की इस हकीकत को जानने के लिए कई बार परीक्षण भी किए गए लेकिन हर बार वो सफल रहा।
बेन जब महज चार साल का था तभी उसने चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया था। वो कार से कहीं जा रहा था और तभी उसने बताया कि वो इस वक्त ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों के बीच से पार हो रहा है। फिर क्या था बेन की मां हैरान रह गईं। बेन सच कह रहा था।
अपने उन दोस्तों के मुकाबले बेन ज्यादा समझदार है जो देख सकते हैं। खतरा तो वो काफी दूर से भांप लेता है। अगर सामने से कोई तेज रफ्तार कार आ रही हो तो दोस्तों से पहले वो फुटपाथ पर चला जाता है। बेन ने नेत्रहीनों के स्कूल में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया और आंखों वाले इंसान को वो वीडियो गेम तक में हरा देता है।
डॉक्टरों को पहले तो बेन के बारे में सुनकर यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब उसे सामान्य बच्चों की तरह खेलते कूदते देखा तो उन्हें भी मानना पड़ा। दरअसल बेन ये काम करता है आवाज से। आंखें खराब होने के बाद से बेन के अंदर इंद्रियों की बेहतर समझ आई।
पूरी दुनिया में बेन इकलौता इंसान है जो अपनी जीभ से आवाज निकालकर सारे काम करता है। बेन सीढ़ियां उतरते वक्त अपने मुंह से लगातार क्लिक-क्लिक की आवाज निकालता है। क्लिक की ये आवाज आसपास की चीजों से टकराकर बेन के दिमाग में उसकी छवि बनाती हैं।
बेन समझ जाता है कि अगला कदम उसे कहां रखना है। अपना रोजमर्रा का काम करने के लिए बेन को किसी की मदद की जरूरत नहीं होती। न आसपास की चीजों का सहारा लेता है और न वॉकिंग स्टिक का। बेन अपनी जीभ की क्लिक से जान जाता है कि सामने कौन सी चीज है।
कहां दीवार है और कहां पर्दे लगे हैं। बेन भले ही सारी चीजों को आसानी से जान लेता हो लेकिन पढ़ने लिखने में वो मजबूर है। इसके लिए उसे मशीनी मदद की जरूरत पड़ती है। बेन के पास एक ऐसा कंप्यूटर है जो बोलता है यानी जो आदेश बेन की-बोर्ड के बटन दबाकर देता है वो एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से बेन को भी सुनाई देते हैं।
स्कूल से मिला होम वर्क करने के लिए बेन के पास एक ब्रेल मशीन है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बेन धरती पर किसी अजूबे से कम नहीं हैं।

गायत्री परिवार ने कराया रोजा इफ्तार


वाराणसी। साम्प्रदायिक नफरत के मौजूदा माहौल में वाराणसी में एक ऐसा अनूठा और अनुकरणीय आयोजन हुआ जो सौहार्द की सुगंध बिखेर गया। यहां गायत्री परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को शहर के रोजेदार मुसलमानों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।
इस आयोजन की खास बात यह रही कि इस मुसलमानों के अलावा हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के गणमान्य लोगों ने भी बड़ी शिद्दत के साथ इसमें शिरकत की।
शहर के एक छोटे से नर्सिंग होम में बड़े मकसद के लिए दी गई इस इफ्तार पार्टी की शुरुआत मगरीब की नमाज के बाद खजूर के सेवन से शुरू हुई।
सामूहिक नमाज की इमामत मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नुमानी ने की। नर्सिंग होम का सभागार थोड़ी देर के लिए इबादतगाह में तब्दील हो गया।
नमाज के बाद गायत्री परिवार के सदस्यों ने वहां उपस्थित रोजेदारों और अन्य गणमान्य लोगों को अल्पाहार कराया। इस अवसर पर मौलाना नुमानी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से भाईचारा, सांप्रदायिक सौहार्द तथा अमन-ओ-अमान का पैगाम लोगों तक पहुंचता है, जिसकी आज खास जरूरत है।
रोजेदारों को इफ्तार परोस रहे स्वामी आत्मानन्द गिरी ने कहा कि कोई भी धर्म मनुष्यों को आपस में जोड़ने के लिए बनाया गया है न कि तोड़ने के लिए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग धर्म का उपयोग इंसान-इंसान के बीच वैमनस्यता फैलाने के लिए कर रहे हैं। इस वैमनस्यता को इस तरह के आयोजन ही मिटा सकते हैं।
इस मौके पर फादर सबस्टीन ने कहा कि रमजान के दिनों में बड़े नेताओं के द्वारा इफ्तार पार्टी देना आम चलन हो गया है, लेकिन उन बड़ी इफ्तार पार्टियों में न तो सौहार्द झलकता है और न ही किसी प्रकार की एकता।

कश्मीर में दुनिया की सबसे लंबी रेलवे सुरंग


श्रीनगर। दुनिया की सबसे लंबी 10.96 किलोमीटर की रेलवे सुरंग जम्मू-कश्मीर में बनाई जा रही है। इसका 95 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने बुधवार को इस पीर पंचाल रेलवे सुरंग स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया।
यह भारतीय रेल नेटवर्क की अब तक की सबसे लंबी सुरंग होगी जो कि जम्मू के बनिहाल से कश्मीर के मुंडा को जोड़ेगी। इस परियोजना की लागत 24 अरब रुपये होगी जिसमें से अब तक 22 अरब रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
वोहरा ने हवाई सर्वेक्षण के बाद जम्मू-कश्मीर रेलवे परियोजना की समीक्षा बैठक की। वोहरा ने जब यह जानना चाहा कि इससे कश्मीरी युवाओं के लिए किस तरह रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तो अधिकारियों ने बताया कि परियोजना पूरा होने पर 3, 900 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। अधिकारियों ने बताया कि 120 उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र दिया जा चुका है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

MP: मंत्री ने 1 दिन में किए 1100 शिलान्यास


भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, नेताओं और मंत्रियों में जनता को सौगातें देने की होड़ सी मच गई है।
होड़ भी ऐसी कि नेता लोग एक दिन में 1100 से अधिक विकास कार्यो का शिलान्यास और भूमिपूजन कर रहे हैं। ऐसा ही एक कारनामा कर दिखाया है प्रदेश के कृषि एवं सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव ने।
रहली विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिध भार्गव ने गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में एक साथ 1100 विकास व निर्माण कार्यो की नींव रख डाली। अलबत्ता एक ही दिन में एक साथ इतने सारे विकास व निर्माण कार्यो की नींव रख भार्गव ने तो इतिहास ही रच डाला।
इन विकास कार्यो की नींव रखते हुए भार्गव ने कहा कि हिन्दी पंचाग के मुताबिक कल ग्यारस की तिथि थी और सितंबर की 11 तारीख भी। यह संयोग के साथ-साथ शुभ दिन भी था।
इसीलिए वे क्षेत्र की जनता को 1100 विकास और निर्माण की सौगात दे रहे हैं। मध्यप्रदेश क्या देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है, जब एक मंत्री ने एक साथ 1100 विकास कार्यों की आधारशिला रखी।
इस समारोह में भार्गव ने बताया कि वे पिछले साढ़े चार वर्षो में अपने क्षेत्र में 8 हजार निर्माण और विकास कार्यो की आधारशिला पहले ही रख चुके हैं। इस तरह अगर देखा जाए तो एक मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 9000 से अधिक विकास कार्यो की आधारशिला रखी है।

न्यूक्लियर बम का फॉर्मूला इंटरनेट पर


नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान के नेटवर्क पर ईरान, उत्तरी कोरिया और लिबिया को परमाणु तकनीकि मुहैया कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र के परमाणु आयोग ने एक रिपोर्ट में कहा है कि परमाणु बम का ब्लूप्रिंट इंटरनेट पर मौजूद है। जिससे ये पता चलता है कि लीबिया को इंटरनेट के जरिए परमाणु बम के ब्लू प्रिंट मिले हैं। इस तरह के गंभीर दस्तावेज का इंटरनेट पर होना सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
इसके अलावा रिपोर्ट में चार साल तक लीबिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों जांच और तथाकथित परमाणु सौदे में ए क्यू खान का संबंध का जिक्र है।
साथ ही आईएईए ने यह भी आशंका जताई है कि ईरान और उत्तरी कोरिया के पास भी इसी तरह के ब्लूप्रिंट हो सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अलबरदेई इस मुद्दे पर कहा कि यह परेशान करने वाला विषय है।
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के संवाददाता मुबाशिर जैदी ने सीएनएनआईबीएन से बातचीत में कहा कि विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि यह पुरानी रिपोर्ट है जिसमें खान को शामिल बताया गया था। और आई क्यू खान ने एक निजी टीवी चैनेल पर इस बात को स्वीकार भी किया था।
इस मामले के बाद उनको नजरबंद कर दिया गया था और वह आज भी नजरबंद हैं। अधिकारी इस बात को पुरानी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ लोग इस मामले के जरिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इससे यह जानना चाहते हैं कि हमारे देश की सीमा पर क्या हो रहा है।

खांसने के बाद 50 प्रतिशत भारतीय हाथ नहीं धोते


कोलकाता। भारत में कम से कम 50 प्रतिशत लोग खांसने और छींकने के बाद अपने हाथों को नहीं धोते हैं। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट से मिली।
डेटॉल लिक्विड एंटीसेप्टिक के निर्माता 'रेस्किट बेंकिशर (इंडिया) लिमिटेड' और 'ग्लोबल हायजेनिक काउंसिल' (जीएचसी) के एक संयुक्त अध्ययन से पता चला कि भारत के 78 प्रतिशत घरों की सतहों पर बैक्टीरिया का स्तर असंतोषजनक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के 90 प्रतिशत रसोई घरों की सतह पर, 83 प्रतिशत रसोई घरों के सिंक और 85 प्रतिशत नलों में अत्यधिक रूप में बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
अध्ययन के अनुसार केवल छह प्रतिशत भारतीय यह मानने को तैयार हैं कि रसोई घरों में लगे नल बीमारी फैला सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में शुरू हुए इस संयुक्त अध्ययन को देश के छह महानगरों में तीन विभिन्न स्तरों पर चलाया गया था।

कॉलेज फीस के लिए वो करेगी कौमार्य नीलाम


कैलिफोर्निया। अमेरिका में एक कॉलेज की छात्रा ने इन दिनों सनसनी फैला रखी है। साथ ही उसने समाज में एक बहस भी छेड़ दी है।
दरअसल इस लड़की ने अपने कुंआरेपन की नीलामी करने की ठानी है। उसकी नीलामी एक सरकारी वेश्यालय की वेबसाइट पर होगी और इसका प्रसारण होगा एक स्थानीय रेडियो पर। छात्रा का दावा है कि कॉलेज फीस भरने और घर वालों की आर्थिक मदद करने के लिए वो ऐसा कर रही है और इसका उसे कोई अफसोस भी नहीं।
22 साल की नतालिया प्राइमरी स्कूल के टीचर की बेटी है। वो बला की खूबसूरत है। ग्रैजुएट है लेकिन उसकी तमन्ना है और पढ़ाई करने की। फीस जुटाने के लिए कैलिफोर्निया के सैन डियागो के साइरस रेडियो पर उसके कुंआरेपन की नीलामी होगी।
रेडियो पर पैसे वाले लगाएंगे कुंआरेपन की बोली। जिसकी बोली सबसे ज्यादा होगी और जो सबसे बेहतर होगा उसे नतालिया के साथ शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार मिलेगा।
नतालिया का दावा है कि वो और पढ़ना चाहती है, लेकिन कॉलेज की फीस भरने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। वो अपने घरवालों की भी आर्थिक मदद करना चाहती है, लेकिन मजबूर है।
आसानी से और ज्यादा पैसे कमाने का उसे और कोई जरिया नहीं सूझा तो उसने अपने कुंआरेपन का सौदा करने का फैसला किया।
इस फैसले पर न तो उसे मलाल है और न दुनिया की परवाह। शॉक जॉक के नाम से मशहूर साइरस रेडियो के मशहूर जॉकी होवार्ड स्टर्न से नतालिया ने नीलामी की बात की। स्टर्न से उसकी मुलाकात करवाई एक स्थानीय कानूनी वेश्यालय के मालिक ने।
वहां नतालिया की बहन काम करती है। नतालिया कहती है-मुझे पता है कि कुछ लोग मेरी वर्जिनिटी को लेकर सवाल उठाएंगे। लेकिन अगर कोई चाहे तो मैं डॉक्टरों से इसकी जांच कराने को तैयार हूं। पढ़ाई और परिवार के लिए अपने कुंआरेपन की नीलामी।
आपको नतालिया का दावा हजम हो या न हो लेकिन पश्चिमी देशों की ये एक कड़वी सच्चाई है। वैसे भी जब किसी भी तरह से पैसा कमाना ही मकसद हो तो फिर दूसरी बहस बेमानी हो जाती है।