
कैलिफोर्निया। पंद्रह साल का एक लड़का इस धरती का पहला ऐसा इंसान है जो बिना आंखों के सब कुछ देखता है। नाम है बेन अंडरवुड। कैलिफोर्निया का रहने वाला 15 साल का बेन नेत्रहीन है लेकिन उसकी गतिविधियां पूरी दुनिया को हैरान कर रही हैं।
बेन बास्केटबॉल खेलता है, साइकिल चलाता है, यहां तक कि स्केटिंग भी करता है। बेन के मां-बाप ही नहीं, बल्कि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी उसे देखकर हैरान हैं। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर बेन बिना आंखों के कैसे देख सकता है।
कैसे वो आम बच्चों की तरह हर काम करता है। दरअसल बेन जब दो साल का था, तभी उसकी आंखों में रेटिनल कैंसर हो गया था। ये गंभीर बीमारी साठ लाख लोगों में से एक को होती है। इस कैंसर की वजह से उसकी आंखें निकालनी पड़ीं।
लेकिन इसके बावजूद बेन को कोई फर्क नहीं पड़ा और वो बिना आंखों के ही सब कुछ देखने लगा। बेन की इस हकीकत को जानने के लिए कई बार परीक्षण भी किए गए लेकिन हर बार वो सफल रहा।
बेन जब महज चार साल का था तभी उसने चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया था। वो कार से कहीं जा रहा था और तभी उसने बताया कि वो इस वक्त ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों के बीच से पार हो रहा है। फिर क्या था बेन की मां हैरान रह गईं। बेन सच कह रहा था।
अपने उन दोस्तों के मुकाबले बेन ज्यादा समझदार है जो देख सकते हैं। खतरा तो वो काफी दूर से भांप लेता है। अगर सामने से कोई तेज रफ्तार कार आ रही हो तो दोस्तों से पहले वो फुटपाथ पर चला जाता है। बेन ने नेत्रहीनों के स्कूल में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया और आंखों वाले इंसान को वो वीडियो गेम तक में हरा देता है।
डॉक्टरों को पहले तो बेन के बारे में सुनकर यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब उसे सामान्य बच्चों की तरह खेलते कूदते देखा तो उन्हें भी मानना पड़ा। दरअसल बेन ये काम करता है आवाज से। आंखें खराब होने के बाद से बेन के अंदर इंद्रियों की बेहतर समझ आई।
पूरी दुनिया में बेन इकलौता इंसान है जो अपनी जीभ से आवाज निकालकर सारे काम करता है। बेन सीढ़ियां उतरते वक्त अपने मुंह से लगातार क्लिक-क्लिक की आवाज निकालता है। क्लिक की ये आवाज आसपास की चीजों से टकराकर बेन के दिमाग में उसकी छवि बनाती हैं।
बेन समझ जाता है कि अगला कदम उसे कहां रखना है। अपना रोजमर्रा का काम करने के लिए बेन को किसी की मदद की जरूरत नहीं होती। न आसपास की चीजों का सहारा लेता है और न वॉकिंग स्टिक का। बेन अपनी जीभ की क्लिक से जान जाता है कि सामने कौन सी चीज है।
कहां दीवार है और कहां पर्दे लगे हैं। बेन भले ही सारी चीजों को आसानी से जान लेता हो लेकिन पढ़ने लिखने में वो मजबूर है। इसके लिए उसे मशीनी मदद की जरूरत पड़ती है। बेन के पास एक ऐसा कंप्यूटर है जो बोलता है यानी जो आदेश बेन की-बोर्ड के बटन दबाकर देता है वो एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से बेन को भी सुनाई देते हैं।
स्कूल से मिला होम वर्क करने के लिए बेन के पास एक ब्रेल मशीन है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बेन धरती पर किसी अजूबे से कम नहीं हैं।
बेन बास्केटबॉल खेलता है, साइकिल चलाता है, यहां तक कि स्केटिंग भी करता है। बेन के मां-बाप ही नहीं, बल्कि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी उसे देखकर हैरान हैं। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर बेन बिना आंखों के कैसे देख सकता है।
कैसे वो आम बच्चों की तरह हर काम करता है। दरअसल बेन जब दो साल का था, तभी उसकी आंखों में रेटिनल कैंसर हो गया था। ये गंभीर बीमारी साठ लाख लोगों में से एक को होती है। इस कैंसर की वजह से उसकी आंखें निकालनी पड़ीं।
लेकिन इसके बावजूद बेन को कोई फर्क नहीं पड़ा और वो बिना आंखों के ही सब कुछ देखने लगा। बेन की इस हकीकत को जानने के लिए कई बार परीक्षण भी किए गए लेकिन हर बार वो सफल रहा।
बेन जब महज चार साल का था तभी उसने चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया था। वो कार से कहीं जा रहा था और तभी उसने बताया कि वो इस वक्त ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों के बीच से पार हो रहा है। फिर क्या था बेन की मां हैरान रह गईं। बेन सच कह रहा था।
अपने उन दोस्तों के मुकाबले बेन ज्यादा समझदार है जो देख सकते हैं। खतरा तो वो काफी दूर से भांप लेता है। अगर सामने से कोई तेज रफ्तार कार आ रही हो तो दोस्तों से पहले वो फुटपाथ पर चला जाता है। बेन ने नेत्रहीनों के स्कूल में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया और आंखों वाले इंसान को वो वीडियो गेम तक में हरा देता है।
डॉक्टरों को पहले तो बेन के बारे में सुनकर यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब उसे सामान्य बच्चों की तरह खेलते कूदते देखा तो उन्हें भी मानना पड़ा। दरअसल बेन ये काम करता है आवाज से। आंखें खराब होने के बाद से बेन के अंदर इंद्रियों की बेहतर समझ आई।
पूरी दुनिया में बेन इकलौता इंसान है जो अपनी जीभ से आवाज निकालकर सारे काम करता है। बेन सीढ़ियां उतरते वक्त अपने मुंह से लगातार क्लिक-क्लिक की आवाज निकालता है। क्लिक की ये आवाज आसपास की चीजों से टकराकर बेन के दिमाग में उसकी छवि बनाती हैं।
बेन समझ जाता है कि अगला कदम उसे कहां रखना है। अपना रोजमर्रा का काम करने के लिए बेन को किसी की मदद की जरूरत नहीं होती। न आसपास की चीजों का सहारा लेता है और न वॉकिंग स्टिक का। बेन अपनी जीभ की क्लिक से जान जाता है कि सामने कौन सी चीज है।
कहां दीवार है और कहां पर्दे लगे हैं। बेन भले ही सारी चीजों को आसानी से जान लेता हो लेकिन पढ़ने लिखने में वो मजबूर है। इसके लिए उसे मशीनी मदद की जरूरत पड़ती है। बेन के पास एक ऐसा कंप्यूटर है जो बोलता है यानी जो आदेश बेन की-बोर्ड के बटन दबाकर देता है वो एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से बेन को भी सुनाई देते हैं।
स्कूल से मिला होम वर्क करने के लिए बेन के पास एक ब्रेल मशीन है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बेन धरती पर किसी अजूबे से कम नहीं हैं।