Wednesday, July 28, 2010

गौहत्या की तो होगी दस साल की सजा

अमृतसर. गौ प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। अब गौ माता का उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनने जा रहा है। इसके तहत गौहत्या में लिप्त लोगों को दस साल की सजा हो सकती है। इस तरफ पहल की है सरकार की तरफ से हालिया गठित पंजाब गऊ सेवा बोर्ड ने राज्य में गायों की दशा सुधारने तथा उनको उचित सम्मान देने का भी संकल्प लिया है। पिछले दिनों रमदास इलाके में एक किसान द्वारा रावी दरिया में बछड़े को कथित रूप से डूबो कर मारने की घटना का कड़ा नोटिस लेते हुए बोर्ड पदाधिकारियों ने सर्किट हाउस में बैठक के दौरान समूचे समाज का आह्वान किया है कि वह गौ सेवा, संरक्षण व संवर्धन में आगे आएं।

तीन करोड़ से बनेगी लैब : 

भगत ने बताया कि राज्य में इस वक्त 212 गौशालाएं हैं,जहां पर सवा दो लाख गाएं आश्रय पा रही हैं। इसके विपरीत आज भी राज्य के विभिन्न इलाकों में 70 हजार गाएं सड़कों पर घूम रही हैं। 
उन्होंने बताया कि आमतौर पर देखा गया है कि गाय पालने वाले 25 फीसदी लोग दूध निकालने के बाद गायों को आवारा सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं और वह इधर-उधर भटकते हुए सड़क हादसों का भी कारण बनती हैं। उनका कहना है कि इसे रोकने के लिए विभिन्न जिलों में नगर निगम तथा नगर कौंसिल से मिल कर टीम गठित की गई है और उनको उचित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। 

उनका कहना है कि गौहत्या मेंं लिप्त लोग यहां पर लैब न होने के कारण सजा से बच निकलते हैं। इस लिए अब राज्य सरकार जल्द ही तीन करोड़ रुपए की लागत से अपनी लैब बनाएगी। हत्या के समान होगा गऊ को मारना पत्रकारों से बातचीत में बोर्ड के चेयरमैन कीमती लाल भगत ने कहा कि बछड़े को मारने वाले उक्त किसान के खिलाफ परचा दर्ज किया गया था, जिसे अब हत्या में तबदील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने विशेष रुचि लेते हुए गौ संरक्षण को पहल दी है। उनका कहना है कि पंजाब में भी अब उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर गौहत्या में लिप्त लोगों के लिए 10 साल की सजा की कोशिश होगी। इसके लिए लोगों को लामबंद किया जाने लगा है।