Sunday, April 27, 2008

एक साथ प्रक्षेपित होंगे दस उपग्रह

Good News!
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( इसरो ) के नए अभियान के तहत सोमवार को उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी9 के ज़रिए 10 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा.
श्रीहरिकोटा से होने वाला ये प्रक्षेपण 16 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा.
लॉन्च किए जाने वाले दस उपग्रहों में भारत का आधुनिक रिमोट सेसिंग उपग्रह शामिल है.
इसका अलावा आठ विदेशी नैनो उपग्रहों को छोड़ा जाएगा.
पिछले वर्ष अप्रैल में एक रूसी यान से 16 उपग्रहों को छोड़ा गया था. लेकिन ये यान 300 किलोग्राम के आस-पास वज़न लेकर गया था.
जबकि 230 टन वज़न वाला पोलर सेटेलाइट लॉन्च वीहकल (पीएसएलवी-सी9) कुल 824 किलो भार लेकर जाएगा.
एक साथ दस उपग्रह
अधिकारियों का कहना है कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा केंद्र में तैयारियां ठीक-ठाक चल रही हैं.
प्रक्षेपण सोमवार सुबह नौ बजकर 23 मिनट पर होगा.
करीब 70 करोड़ की लागत वाले पीएसएलवी-सी9 की ये 13वीं उड़ान है.
रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कार्टोसेट-2ए का वज़न 690 किलोग्राम है और इसमें आधुनिक पैनक्रोमैटिक कैमरा लगा हुआ है जो बेहत उच्च स्तर की तस्वीरें खींच सकता है.
इसके ज़रिए ऐसे तथ्य मिल सकेंगे जिनका इस्तेमाल शहरी और ग्रमीण इलाक़ों में आधारभूत ढाँचे के प्रबंधन में हो सकता है.
पिछले वर्ष भारत के पीएसएलवी-सी7 से पहली बार चार उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित किया गया था. इनमें दो उपग्रह अर्जेंटीना और इंडोनेशिया के थे.

अपना हाथ-जगन्नाथ लेकिन कौन सा?

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चिकित्सा विज्ञान ये मानता है कि हमारा मस्तिष्क बाएँ और दाएँ दो भागों में बंटा हुआ है और बांया हिस्सा दाएँ की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली है. सभी जानते हैं कि मस्तिष्क हमारे शरीर का नियंत्रण करता है. मस्तिष्क से नाड़ियां शरीर के अलग अलग हिस्सों में जाती हैं और शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं. बाएँ हिस्से से निकलने वाली नाड़ियां गरदन पर आकर शरीर के दाएँ हिस्से में चली जाती हैं जबकि दाएँ हिस्से से आने वाली नाड़ियां शरीर के बाएँ भाग में. यानी शरीर के विभिन्न अंग मस्तिष्क के विपरीत हिस्सों से जुड़े होते हैं.
आमतौर पर लोगों के मस्तिष्क का बायाँ हिस्सा अधिक शक्तिशाली होता है लेकिन कुछ लोगों में दायाँ हिस्सा ज़्यादा प्रमुख रहता है और ऐसे लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. दुनिया में कोई चार प्रतिशत लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. लेकिन इन चार प्रतिशत में बहुत से नामी गिरामी लोग आते हैं जैसे अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी और बिल क्लिंटन, महारानी विक्टोरिया, वैज्ञानिक और कलाकार लियोनार्डो डा विंची, फ़िल्म निर्देशक चार्ली चैपलिन, क्यूबा के राष्ट्रपति फ़िदेल कास्त्रो, अमिताभ बच्चन और सौरव गांगुली.

वाल्मीकि रामायण, तुलसी रामायण!

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तुलसी रामायण का नाम रामचरित मानस है और इसकी रचना सोलहवीं शताब्दी के अंत में गोस्वामी तुलसीदास ने अवधि बोली में की. जबकि वाल्मीकि रामायण कोई तीन हज़ार साल पहले संस्कृत में लिखी गई थी. इसके रचयिता वाल्मीकि को आदि कवि भी कहा जाता है. क्योंकि उन्होंने अपने इस अदभुत ग्रंथ में दशरथ और कौशल्या पुत्र राम जैसे एक ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम की जीवन गाथा लिखी जो उसके बाद के कवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी. उसके बाद अलग-अलग काल में और विभिन्न भाषाओं में रामायण की रचना हुई. लेकिन प्रत्येक रामायण का केंद्र बिंदु वाल्मीकि रामायण ही रही है. बारहवीं सदी में तमिल भाषा में कम्पण रामायण, तेरहवीं सदी में थाई भाषा में लिखी रामकीयन और कम्बोडियाई रामायण, पंद्रहवीं और सोलहवीं सदी में उड़िया रामायण और कृतिबास की बँगला रामायण प्रसिद्ध हैं लेकिन इन सबमें तुलसी दास की रामचरित मानस सबसे प्रसिद्ध रामायण है.