Sunday, September 30, 2007

भीनमाल का इतिहास

भीनमाल शहर प्राचीनकाल मे गुजरात राज्य की राजधानी था । पुरातनकाल मे यह भिल्लमाल के नाम से भी जाना जाता था। ईस्वी सन् 641 मे चीनी यात्री ह्वैंसान्ग यहा आया था,उसके अनुसार यह क्षेत्र गुर्जर रियासत थी। यहा का राजा क्षत्रिय था। वह बेहद बुध्धिमान एवँ युवा था। इस शहर मे ब्राह्मण,बौद्ध एवँ जैन धर्मावल्म्बी रहते थे। चीनी यात्री ह्वैंसान्ग के यात्रा वर्णन के अनुसार तत्कालीन समय मे भीनमाल पश्चिमी भारत का एक वैभवमय महत्वपुर्ण शहर था। इस शहर के 84 दरवाजे थे। उस समय मे यहा ब्राह्मण वर्ग का यहा बहुल्य था, तथा जैनबौद्ध धर्म का प्रसार भी काफी था। यहा जैनो व बोद्धो की अनेक पौषाले थी।
इस शहर के वैभव के कारण यहा मुगल आक्रांताओँ ने कई बार आक्रमण किये। इस्वी सन् 1310 मे मुगल शाशक अल्लाउद्दिन खीलजी द्वारा यह शहर लुंटा गया। पन्द्रहवी शताब्दि मे लिखित "खान्देद प्रबंध" मे इस शहर के वैभव का सम्पुर्ण वर्णन मिलता है जिसके मुतबिक वर्गाकार क्षेत्र मे बसा हुए भीनमाल के 84 दरवाजे थे तथा यहा पर कई इस्लामिक आक्रमण हुए।
प्राचीनकाल से यहा अनेक जैन तीर्थंकरहिंदु दैवी-देवताओ यथा गणपति, शिवलिंग(शंकर), चण्डिका देवी, अम्बे माता, क्षेमंकरी माता, वराहश्याम आदि के मंदिर है। वर्तमान मे अनेको जैन मंदिर है जिनमे तैबीसवे जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ एवँ अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का मंदिर काफी विख्यात है। बुद्ध-वास मे बने हुए महावीर स्वामी मंदिर का निर्माण गुर्जर शाशक "कुमारपाल महाराजा" द्वारा करवाऐ जाने का उल्लेख है। इसकी प्रतिष्टा व अंजंनशलाका जैनाचार्य हैमचंद्राचार्य द्वारा की गई थी। उस समय यहा प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। कलांतर मे हुए विभिन्न जिर्णोद्वार मे वर्तमान मुलनायक महावीर स्वामी जी हो गये।
भीनमाल विद्वानो व साहित्य मनीषीयो का गढ था, जिनकी विद्वता एवँ ज्ञान की किर्ति पताका का बोलबाला सुदुर पुर्व तक फैला हुआ था। सम्राट भोजदेव के समकालीन रहे संस्कृत सहित्य के प्रकाण्ड विद्वान महाकवि माघ का जन्म यही हुआ था। इस्वी सन 680 मे उंन्होने "शिशुपाल वध्" नामक काव्य ग्रंथ की रचना यहा की थी। इस्वी सन 598 मे राजा हर्षवर्धन के समकालीन रहे गणितज्ञ व सुविख्यात खगोल विज्ञानी ब्रह्मगुप्त का यहा जन्म हुआ था। जिन्होने 628 मे "ब्रह्म स्फुट सिद्धांत" तथा 665 मे 'खण्ड्-खण्डकव्य' की रचना की थी। जैन धर्म के कई प्राचीनतम ग्रंथो की रचना स्थली भीनमाल है। इनमे यहाँ जन्मे सुविख्यात जैन आचार्य सिद्धऋषी गणि की इस्वी सन् 905 मै संस्कृत सहित्य की महत्वपुर्ण रचना 'उपमिति भव प्रप्रंच कथा' , जैनाचार्य विजय गणि कि 'जैन रामायण्' (1595), एवँ आचार्य उध्योतन सुरी कृत "कुवयलमाला" आदि प्रमुख है।अनेक ऐतिहासिक उतार चढावो का गवाह भीनमाल शहर जैन धर्म का एक महत्वपुर्ण तीर्थ स्थल पुरातनकाल से रहा है। ईस्वी सन् 1277 ( विक्रम सम्वत-1333) के एक पुरातन शिलालेख पर जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी जी के जीवंत स्वामी स्वरुप मे यहा पधारने के उल्लेख है।
भीनमाल शहर व समुचे उपखंड क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि जन्य उत्पादो,पशुपालन व डैरी उत्पाद पर निर्भर है। ईसबगौल,तिलहनसरसों इस क्षेत्र के मुख्य कृषि उत्पाद है,तथा जीरा,बाजरा,गेहूँ,मूँग,सरसों,ज्वार व शीशम आदि खरीफ की फसल भी बहुतायात मे होती है। कृषि उत्पादो के सुमुचित क्रय-विक्रय के लिये यहा "कृषि उपज मन्डी समिति" नामक सहकारि संस्थान सरकारी दिशा निर्देशो के साथ कार्यरत है।
भारत सरकार का "फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया (FCI)" का अनाज भण्डारण कार्यालय भी यहा कार्यरत है।
शहरी क्षेत्र मे उद्धोगीकरण को बढावा देने के लिए राजस्थान राज्य औधोगिक विकास एवँ वित्त निगम(रिको) द्वारा औधोगिक क्षेत्रो का निर्माण किया गया है। वर्तमान मे इन क्षेत्रो मे मार्बल, ग्रेनाइट, सरसो तेल, बर्फ जैसे उत्पादो के तथा कुछ अन्य उद्धोग कार्यरत है।
भीनमाल मेँ चमडा उधोग भी काफी फैला हुआ है। यहा चमडे की श्रेष्टतम जुतियोँ (मोजडी) का ह्स्तकला आधारित निर्माण एवँ करोबार होता है।
इसके अतिरिक्त सभी बजारभूत उपभोक्ता सामान के खरीद- बेचान का मुख्य स्थल भी है। आधारभूत सुविधाएँ

[संपादित करें] यातायात
रेल सेवा-भीनमाल उत्तर-पश्चिम रेलवे के समदडी-भीलडी रेल खंड से जुडा एक महत्वपुर्ण रेलवे स्थानक(स्टेशन)है तथा स्थानक का औपचारिक नाम "मारवाड भीनमाल" है। वर्तमान मे यह मीटर गेज स्थानक होने की वजह से यहा रेलवे कि आवाजाही न्युनतम है। रेलवे द्वारा आमान परिवर्तन(गेज कनवर्जन) का कार्य शुरु है।
सडक परिवहन- सडक मार्ग द्वारा भीनमाल देश भर के सभी स्थलो से जुडा हुआ है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ( राज्य सरकार संचालित बस सेवा) सभी महत्वपुर्ण स्थलो से बस सेवा का परिचालन करता है। नई दिल्ली, जयपुर, उदयपुर जोधपुर,अहमदाबाद मुम्बई आदि से भीनमाल तक सीधी बस सेवाऍ उपलब्ध है।

[संपादित करें] बिजली
भीनमाल शहर एवँ भीनमाल उपखण्ड क्षेत्र (उप जिला क्षेत्र) के सभी ग़ावँ बिजली सेवा से जुडे हुए है। राजस्थान सरकार के बिजली विभाग द्वारा का 220 के.वी. क्षमता का एक "सब ग्रिड स्टेशन" यहा वर्तमान मे कार्यरत है। "पावर ग्रिड कर्पोरेशन आँफ इण्डिया" यहा दुसरा 400 के.वी. क्षमता का एक ग्रिड स्टेशन का निर्माण कर रहा है, जिससे समुचे मारवाड क्षेत्र मे भीनमाल से बिजली प्रदान की जायेगी।

[संपादित करें] पेयजल
भीनमाल नगर की पेयजल व्यवस्था राजस्थान सरकार का जन स्वास्थ्य आभियांत्रिकि विभाग(PHED) करता है। निकटवर्ति धनवाडा,साविदर व राजपुरा गावँ पेय जल के मुख्य स्रोत है। ग्रामिण क्षेत्र मे सिचाँइ तथा पेय जल व्यस्था कुएँ व टयुब वेल जैसे पारम्परिक जल स्रोतो पर निर्भर है।

[संपादित करें] शिक्षा
भीनमाल शहर मे प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के विविध संस्थान मौजुद है। यहा राजस्थान सरकार संचालित जी.के.गोवाणी राजकीय महाविधालय मेँ कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय मे स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा है। यह महाविधालय महर्षि दयानंद सरस्वति विश्वविधालय,अजमेर से सम्बद्ध है। राजस्थान शासन के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित तीन उच्च माध्यमिक सहित अनेक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विधालय तथा तकरिबन 50 निजि शिक्षण संस्थान यहा कार्यरत है।

[संपादित करें] संचार सुविधाएँ
भीनमाल शहर मे बेसिक टेलिफोन, मोबाइल सेवा, फेक्स व इंटरनेट आदि सभी संचार सेवाएँ मौजुद है। सरकारी संचार सेवा प्रदाता भारत संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल.) के अतिरिक्त सभी निजि संचार कम्पनियो की सेवाएँ यहा उपलब्ध है। नगर मे तीन पोस्ट आफिस कार्यरत है,जिनमे मुख्य पोस्ट आफिस मे तार (टेलिग्राम) सेवा व विविध डाक सेवाए उपलब्ध है।

[संपादित करें] चिकित्सा
शहर मे सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ है। राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग के अधीन एक सुविधा सम्पन्न रेफरल अस्पताल तथा एक आयुर्वैदिक चिकित्सालय का परिचालन होता है। इसके अतिरिक्त कई निजि चिकित्सालय व नर्सिंग होम भी कार्यरत है।

खैल-कुद
शहर मे खेल-कूद की श्रेष्टतम सुविधाएँ है। यहा शिवराज स्टेडियम नामक एक क्रिकेट स्टेडियम है;जिसमे सभी इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाए है। दिसम्बर 1985 मे प्रथम श्रेणी क्रिकेट स्पर्धा "रनजी ट्राफी" के आयोजन से इसका उदघाट्न हुआ था। वर्तमान मे प्रतिवर्ष राज्य स्तर का बेडमिंटन टुर्नामेंट यहा आयोजित होता है।

बेंकिंग
भीनमाल शहर मे श्रेष्ट बेंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध है। यहा पर दो राष्ट्रियकृत बेंक क्रमशः स्टेट बेंक आँफ बीकानेर एंड जयपुरपंजाब नेशनल बेंक की शाखाएँ कार्यरत है। यह दोनो बेंक पुर्णतः संगणिकृत(कम्पुटराइज्ड) व ए.टी.एम. तथा आन-लाइन बेंकिंग सुविधा प्रदान करते है। इसके अतिरिक्त विविध सहकारी व निजि बेंक भी यहा कार्यरत है।

पुस्तकालय
शहर मे नगरपालिका मण्डल द्वारा एक सार्वजनिक पुस्तकालय व वाचनालय तथा सरस्वति मंदिर द्वारा एक निजि वाचनालय संचालित है।

ठहरने के स्थान (होटल)
शहर मे विविध प्रकार के आधिनिक सुविधा-सम्पन्न ठहरने के अनेक होटल मौजुद है। जिनमे होटल सम्राट, राजदीप, नीलकमल, सुर्य-किरण व होटल सागर पैलेस आदि प्रमुख है। राजस्थान राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पी.डबल्यु.डी.) के अधीन एक डाक बंगलो का परिचालन होता है। शहर से 25 कि.मी.की दुरी पर दास्पा गावँ मेँ एक हेरिटेज होटेल केसल दुर्जन निवास भी है।

प्रशासनिक ढाँचा
भीनमाल जालौर जिले का एक महत्वपुर्ण उपखण्ड (उप जिला) है। इस उपखण्ड क्षेत्र के अधीन भीनमाल, रानीवाडासांचोर जैसे तीन तहसील क्षेत्र व चार पंचायत समीति क्षेत्र क्रमशः भीनमाल,रानीवाडा,सांचोर व जसवंतपुरा आते है। यहा पर राज्य सरकार की तरफ से बतौर प्रशासनिक अधीकारी उपजिलाधीश ( एस.डी.ओ.) कार्यरत है। जिसके जिम्मे प्रशासनिक कार्य तथा समस्त प्रशासनिक शक्तियाँ निहित है।
शहर का समस्त नागरिक सुविधा प्रबंधन स्थानीय निकाय "नगरपालिका मण्डल भीनमाल" (बी.एम.सी.) करती है। नगर पालिका क्षेत्र के 25 वार्ड मे से सीधे जनता द्वारा 25 नगर पार्षद (जनप्रतिनिधि) चुने जाते है। यह 25 वार्ड पार्षद नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव करते है।इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा तीन पार्षदो का मनोयन भी किया जाता है व क्षेत्रिय विधायक को भी चुनावी मताधिकार होता है। नगर पालिका के समस्त प्रशासनिक कार्यो के लिए राजस्थान शासन द्वारा एक अधिशाषी अधिकारी(ई.ओ.) नियुक्त होता है।

सन् 2001 की जनगणना के मुताबिक भीनमाल शहर की जनसंख्या 39,278 है। इसमे पुरुष अनुपात 53% तथा महिला 47% है। शहर की साक्षरता दर 52 % है जिसमे पुरुष साक्षरता दर 67 % तथा महिला साक्षरता दर 36% है।