Wednesday, October 22, 2008

वैज्ञानिकों ने बनाया सबसे ज्यादा सुकून वाला कमरा


Dingal Times!
कमरे में लगे बल्ब सिर्फ रोशनी देने का काम ही नहीं करेंगे। इनके उजाले से कंप्यूटर और फोन ही नहीं, कारों
को भी इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा। सुनकर भले ही अजीब लगे, मगर यह जल्द ही हकीकत में बदलने वाला है। अब तक रिमोट कंट्रोल से टीवी या डीवीडी प्लेयर को ऑपरेट किया जाता रहा है। मगर अब खास वायरलेस सिस्टम से तकरीबन हर जगह पर इंटरनेट कनेक्शन किया जा सकेगा। अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर इंजीनियर थॉमस लिटिल कहते हैं कि लाइटिंग वाली हर जगह पर इंटरनेट कनेक्शन से कम्यूनिकेशन को काफी आसान बनाया जा सकेगा।

जैसे ही आप बल्ब का स्विच ऑन करेंगे, जहां-जहां लाइट होगी, वहां रखे कंप्यूटर या फोन में इंटरनेट नेटवर्क सक्रिय हो जाएगा। हालांकि, यह साधारण बल्ब नहीं होंगे। इसके लिए एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड) बल्बों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह बल्ब बिजली की कम खपत करेंगे और बहुत लंबे समय तक चलेंगे।

लाइट से कम्यूनिकेशन

रोशनी के जरिए संचार कोई नई बात नहीं है। रोमन एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए आग का इस्तेमाल करते थे। समुद्र में बने लाइट हाउस जहाजों को आने-जाने का रास्ता तलाशने में काफी समय से मदद करते रहे हैं। फिलहाल वायरलेस कम्यूनिकेशन रेडियो तरंगों के जरिए अपना रास्ता तय करता है। लेकिन अब रोशनी के जरिए कम्यूनिकेशन की संभावना तलाशी जा रही है। हाल ही में नासा और अमेरिकी आर्मी ने हाई स्पीड लेजर के जरिए कम्यूनिकेशन पर रिसर्च शुरू की है। लिटिल कहते हैं कि अलग-अलग तरह की वायरलेस डिवाइस के लिए अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर रेडियो तरंगें छोड़ी जाती हैं।

इनकी संख्या काफी ज्यादा होने के कारण इनका एक जाल सा बन जाता है, जिसमें एक फ्रीक्वेंसी का दूसरी फ्रीक्वेंसी की तरंगों में मिलने की आशंका पैदा हो जाती है। नेटवर्क भी बहुत तेज नहीं रह पाता। इसके उलट, लाइट से नेटवर्किन्ग तरंगों की इस भीड़ से अलग होगी। यह सीधी खास यूजर और डिवाइस तक नेटवर्क पहुंचाएगी। यह तरीका ज्यादा सेफ भी होगा।

ग्रीन वायरलेस नेटवर्क

लिटिल और उनके साथी रिसर्चरों ने एलईडी बल्बों के जरिए वायरलेस रूट पर प्रयोग शुरू कर दिया है। योजना के अगले चरण में दुनिया में एलईडी बल्बों का प्रसार बढ़ाया जाना है। इन बल्बों में ऊर्जा की खपत काफी कम होती है। एलईडी कंप्यूटर स्क्रीन से लेकर ट्रैफिक लाइटों तक बहुत सी जगह दिखाई देते हैं। हालांकि, एलईडी बल्बों का घरों में इस्तेमाल शुरू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है क्योंकि यह काफी महंगा है। फिलहाल एक बल्ब की कीमत 30 डॉलर (करीब 1300 रुपये) है। हालांकि, यह आम बल्बों की तुलना में 50 गुना ज्यादा समय तक चलता है।

स्मार्ट हाउस, स्मार्ट कार

यह प्रयोग अमेरिका के शहरों में सस्ता वायरलेस नेटवर्क देने तक ही सीमित नहीं है। लिटिल लगभग हर चीज को स्मार्ट तरीके से वायरलेस सिस्टम से जोड़ने का मकसद लेकर चल रहे हैं। इसका इस्तेमाल वीइकल्स में भी किया जा सकता है। लिटिल कहते हैं कि ऑटो इंडस्ट्री में यह बेहद कारगर होगा। अमेरिका के कई स्टेट की सरकारें लिटिल की इस योजना में आर्थिक मदद दे रही हैं। 

एजुकेशनल लोन से अरमानों की उड़ान


Dingal Times!
अगर आप हायर एजुकेशन का सपना देख रहे हैं, लेकिन उसे हकीकत में बदलने के लिए आपके पास रिसोर्सेज़ की कमी है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपने डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं। बस, इसके लिए आपको कुछ शर्त पूरी करनी होंगी।

बात चाहे विदेश में पढ़ाई की हो या देश में महंगे तकनीकी कोर्स करने की, इन पर आने वाले खर्च को वहन करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस मर्ज का इलाज है, एजुकेशनल लोन। यूं तो पब्लिक सेक्टर के बैंक ही हायर एजुकेशन के लिए लोन देते हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट बैंकों ने भी यह सुविधा स्टूडेंट्स को दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ऐसी स्कीम लाने जा रही है, जिससे हायर स्टडीज पूरी करने तक स्टूडेंट्स को लोन पर ब्याज भी नहीं देना पड़ेगा।

एचआरडी मिनिस्ट्री ने इसके लिए चार करोड़ रुपये का बजट रखा है। 2012 में खत्म होने वाली 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ही यह राशि दे दी जाएगी।

भारत में पढ़ाई

आप कोई भी सिक्युरिटी या मार्जिन मनी दिए बिना बैंक से चार लाख रुपये तक का एजुकेशनल लोन ले सकते हैं। इसके अलावा, आपको थर्ड पार्टी की गारंटी पर चार से सात लाख तक का लोन मिल सकता है। इसमें पांच फीसदी की मार्जिन मनी वसूली जाती है। थर्ड पार्टी की गारंटी आपके किसी रिश्तेदार, पड़ोसी या दोस्त को देनी पड़ती है।

विदेश का सपना

विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट, एनएससी सर्टिफिकेट या प्रॉपर्टी के अगेंस्ट सात लाख या उससे ज्यादा का कर्ज ले सकते हैं। इसमें 15 पर्सेन्ट का मार्जिन अमाउंट भी होगा यानी आपका जितना लोन मंजूर हुआ है, बैंक उससे 15 फीसदी कम राशि आपको देगा। केंद्र सरकार इस तरह के लोन पर दो प्रतिशत की सब्सिडी बैंकों को देती है।

लोन लेने के लिए जरूरी दस्तावेज

- आपके लास्ट एग्जामिनेशन की मार्कशीट।

- कोर्स में ऐडमिशन का प्रूफ।

- कोर्स के लिए खर्च का ब्यौरा।

- अगर आपको स्कॉलरशिप मिली है, तो उसका कंफर्मेशन लेटर देना जरूरी है।

- अगर फॉरेन एक्सचेंज परमिट जरूरी है, तो उसकी कॉपी होनी चाहिए।

- दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।

- लोन लेने वाले स्टूडेंट या उसकेपैरंट्स के छह महीने का बैंक अकांउट स्टेटमेंट।

- इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर।

- कर्ज लेने वाले की कुल प्रॉपर्टी और उसकी जिम्मेदारियों का ब्रीफ स्टेटमेंट।

सरकार की योजना

केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) से सलाह-मशविरा करके कॉम्प्रिहेंसिव एजुकेशनल लोन स्कीम तैयार की है। इस स्कीम में सभी तरह के कोर्सेज़ को कवर किया गया है, जिनमें प्रफेशनल कोर्स भी शामिल हैं।

इसके तहत, भारत में शिक्षा लेने के लिए साढ़े सात लाख और विदेश में पढ़ने के लिए 15 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। इस लोन का भुगतान पांच से सात साल की अवधि में करना जरूरी है। पढ़ाई खत्म होने के बाद कर्ज चुकाने के लिए एक साल का ग्रेस पीरियड मिलता है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को आसान शर्त पर फाइनैंशल हेल्प देने के लिए भी प्रोत्साहित किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एजुकेशनल लोन संबंधी गाइड लाइंस कमर्शल बैंकों को जारी की हुई हैं।

ब्याज की दरें

आमतौर पर सभी नैशनलाइज्ड बैंक और प्राइवेट बैंक 11-15 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण देते हैं। इलाहाबाद बैंक करीब 11.75-12.5 प्रतिशत दर पर लोन देता है। कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या जॉब मिलने के छह महीने के भीतर (जो भी जल्दी हो) कर्ज लौटाना होता है। यह लोन स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, एग्जामिनेशन और लाइब्रेरी फीस देने और किताबें, साइंटिफिक इक्विप्मेंट खरीदने और स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क और थीसिस के लिए दिया जाता है।

इसी तरह, आंध्रा बैंक 13.75 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा 14 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया 11.25-12.25 पर्सेन्ट की दर से स्टूडेंट्स को लोन देता है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र से स्टूडेंट्स 12.75 फीसदी की दर पर लोन ले सकते हैं।

प्राइवेट एजुकेशन लोन

प्राइवेट एजुकेशन लोन को अल्टरनेटिव लोन भी कहा जाता है। आजकल देश और विदेश में हायर एजुकेशन काफी महंगी हो गई है। इस तरह के लोन बैंक से लिए गए लोन और एजुकेशन की एक्चुअल कॉस्ट के अंतर को कम करते हैं। इस तरह के लोन आप प्राइवेट लेंडर्स से ले सकते हैं। कुछ लोग प्राइवेट एजुकेशनल लोन के लिए इसलिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि उन्हें बैंक से अपनी जरूरत का पूरा अमाउंट नहीं मिल पाता या वे री-पेमेंट की शर्त को आसान बनाना चाहते हैं। हालांकि इस तरह का कर्ज सरकारी लोन की तुलना में महंगा पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की उधारी से कहीं अधिक सस्ता है।