Wednesday, September 12, 2007

बीबीसी की हिंदी...अचला शर्मा

रेडियो की भाषा कैसी हो, यह पाठ पहले पहल मुझे बीबीसी हिंदी सेवा में वरिष्ठ सहयोगी स्वर्गीय ओंकार नाथ श्रीवास्तव ने पढ़ाया था.उन्होंने कहा, ‘भूल जाओ कि हिंदी में एमए किया है. रेडियो पर पाठ्यपुस्तकों की या साहित्य की भाषा नहीं चलती. भाषा ऐसी हो जिसमें श्रोताओं से बतियाया जा सके.’बेशक, मुश्किल से मुश्किल विषय को आसान शब्दों में श्रोताओं तक पहुँचाने...
राजस्थान में आरक्षण के मुद्दे पर गूजर समाज की गुरुवार को धौलपुर में महापंचायत हो रही है. इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.गूजर नेताओं का कहना है कि वे इस महापंचायत में अपने अगले क़दम की घोषणा करेंगे.सरकार ने गूजर बहुल इलाक़ों, धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और करौली में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए चार मंत्रियों...

क्यूँ मेरी अंगुलियाँ

क्यूँ मेरी अंगुलियाँ थकने लगी है?क्यूँ मेरे लब थरथरा रहे है?मै अपने गीतो से शर्मा रहा हूँ,ओरमेरे गीत मुझसे शर्मा रहे है..वों गीत मुझे आज बेज़ान लगते है....कि मेरे दिल के जज़्बात थे,जिन्हे कोरे कागज़ पर मैने उकेरा था,और उस क़लम को भी तोड देना चाहता हूँ,जिसने लोगो के दिल के तारो को छेडा था,आज मेरे हाथो मे क्रांति की मशाल दे दो...जिसकी रोशनी से,मै...