Wednesday, July 23, 2008

नैनो आई नहीं प्रतिबंध की मांग पहले


डीएनए
Wednesday, July 23, 2008 17:12 [IST]
मुंबई.देश में सस्ती कार के नाम से आने वाली नैनो कार भले ही अभी सड़क पर नहीं आई है, लेकिन इसकी दहशत अभी से नजर आने लगी है। महाराष्ट्र विधान परिषद में तो विपक्ष ने इस कार पर प्रतिबंध लगाने तक की मांग कर दी जिसे परिवहन राज्यमंत्री हसन मुशरिफ ने मंगलवार को खारिज कर दिया।
मुंबई में करीब 15 लाख गाड़ियां पहले से सड़कों पर दौड़ रही हैं। इनमें प्रतिदिन 15 हजार गाड़ियां और जुड़ जाती हैं। विपक्ष को अंदेशा है कि नैनो जैसी सस्ती कार के बाजार में आते ही उसे खरीदने वालों में भगदड़ मच जाएगी और प्रदूषण व वाहन संबंधी सारे नियम कायदे टूट जाएंगे। सड़कों पर जाम लग जाएगा और चलने के लिए कहीं जगह नहीं बचेगी।
भाजपा के मधु चव्हाण ने टाटा की नैनो पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार एक किलोमीटर के दायरे में करीब 300 वाहन होने चाहिए जबकि मुंबई में इतने क्षेत्र में करीब 591 गाड़ियां हैं। नैनो के आ जाने से यह संख्या बहुत बढ़ जाएगी। अपना पद संभालने के महज पांच दिन बाद आए संकट से निपटते हुए परिवहन राज्यमंत्री मुशरिफ ने कहा कि किसी भी कार पर प्रतिबंध लगाया जाना व्यावहारिक नहीं है।
अलबत्ता मंत्री ने यह माना कि राज्य के परिवहन विभाग में कई तरह की धांधलियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना है। उन्होंने अफसरों को तो भ्रष्टाचार न करने को कह दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पूरा आकाश ही फटा हुआ है कहां तक उसकी सिलाई करें।

भगवान राम ने खुद तोड़ा था रामसेतु


एजेंसी
Wednesday, July 23, 2008 20:44 [IST]
नई दिल्ली.रामसेतु प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को छुड़ाने के लिए श्रीलंका जाते समय रामसेतु बनवाया था लेकिन लौटते समय उसे खुद राम ने तोड़ दिया था। सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील एफएस नरीमन ने यह दलील कंबन रामायण का हवाला देते हुए दी।
नरीमन के मुताबिक, ऐसे में सरकार किसी सेतु या पुल को नहीं नष्ट कर रही क्योंकि किसी पुल का अस्तित्व नहीं था। फिर भी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर अपनी प्रतिक्रिया में सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने पर रजामंदी जताई। इससे रामसेतु को छोड़े जाने के आसार बढ़ गए हैं।
चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन नीत बेंच ने नरीमन को सुझाव दिया कि सरकार को आस्था और जीवमंडल के बीच संतुलन के लिए कुछ करना चाहिए। बेंच में शामिल जस्टिस रवींद्रन ने यह भी सुझाव दिया कि जब कोई मुद्दा नहीं हो तो सरकार को इसे बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। 
नरीमन ने इन सुझावों से सहमति दिखाते हुए शीर्ष कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे सरकार को सुझाव देंगे कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे। 
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह इस पर विचार करे कि वैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक और सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक लिहाज से क्या थोड़ा बदलाव उचित होगा। 
इससे पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रrाण्यम स्वामी और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कोर्ट से रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने तथा इसे नष्ट नहीं करने की मांग करते हुए अपनी दलीलें दीं।