Saturday, April 26, 2008
हँसी का क्या मोल!
Posted on 4:45 AM by Guman singh
मंद-मंद हँसी यानी मुस्कुराहट तो व्यक्तित्व में ख़ुशमिज़ाजी लाती ही है, अनेक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ज़ोर-ज़ोर से हँसना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. जब हम हँसते हैं तो हमारे चेहरे की कई मांसपेशियां इसमें क्रियाशील होती हैं, हमारी भंवे चढ़ती हैं, हमारे कान हिलते हैं, आंखे मिचती हैं, नथुनें फूलते हैं, ऊपर का होंठ फैलता है, नीचे का होंठ हिलता है, ठोड़ी हिलती है, गाल पीछे होते हैं... कुल मिलाकर हमारे चेहरे की 53 मांसपेशियों का हँसने में कुछ न कुछ योगदान रहता है. हँसने में चेहरे की ही नहीं बल्कि जबड़े, गले, पेट और डाएफ़्राम की माँसपेशियाँ भी काम करती हैं. और अगर बहुत ज़ोर ज़ोर से हँसा जाए तो शायद शरीर की और माँसपेशियाँ भी क्रियाशील हो जाती होंगी.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No Response to "हँसी का क्या मोल!"
Post a Comment