Wednesday, October 22, 2008
एजुकेशनल लोन से अरमानों की उड़ान
Posted on 7:37 AM by Guman singh
Dingal Times!
अगर आप हायर एजुकेशन का सपना देख रहे हैं, लेकिन उसे हकीकत में बदलने के लिए आपके पास रिसोर्सेज़ की कमी है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपने डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं। बस, इसके लिए आपको कुछ शर्त पूरी करनी होंगी।
बात चाहे विदेश में पढ़ाई की हो या देश में महंगे तकनीकी कोर्स करने की, इन पर आने वाले खर्च को वहन करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस मर्ज का इलाज है, एजुकेशनल लोन। यूं तो पब्लिक सेक्टर के बैंक ही हायर एजुकेशन के लिए लोन देते हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट बैंकों ने भी यह सुविधा स्टूडेंट्स को दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ऐसी स्कीम लाने जा रही है, जिससे हायर स्टडीज पूरी करने तक स्टूडेंट्स को लोन पर ब्याज भी नहीं देना पड़ेगा।
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इसके लिए चार करोड़ रुपये का बजट रखा है। 2012 में खत्म होने वाली 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ही यह राशि दे दी जाएगी।
भारत में पढ़ाई
आप कोई भी सिक्युरिटी या मार्जिन मनी दिए बिना बैंक से चार लाख रुपये तक का एजुकेशनल लोन ले सकते हैं। इसके अलावा, आपको थर्ड पार्टी की गारंटी पर चार से सात लाख तक का लोन मिल सकता है। इसमें पांच फीसदी की मार्जिन मनी वसूली जाती है। थर्ड पार्टी की गारंटी आपके किसी रिश्तेदार, पड़ोसी या दोस्त को देनी पड़ती है।
विदेश का सपना
विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट, एनएससी सर्टिफिकेट या प्रॉपर्टी के अगेंस्ट सात लाख या उससे ज्यादा का कर्ज ले सकते हैं। इसमें 15 पर्सेन्ट का मार्जिन अमाउंट भी होगा यानी आपका जितना लोन मंजूर हुआ है, बैंक उससे 15 फीसदी कम राशि आपको देगा। केंद्र सरकार इस तरह के लोन पर दो प्रतिशत की सब्सिडी बैंकों को देती है।
लोन लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
- आपके लास्ट एग्जामिनेशन की मार्कशीट।
- कोर्स में ऐडमिशन का प्रूफ।
- कोर्स के लिए खर्च का ब्यौरा।
- अगर आपको स्कॉलरशिप मिली है, तो उसका कंफर्मेशन लेटर देना जरूरी है।
- अगर फॉरेन एक्सचेंज परमिट जरूरी है, तो उसकी कॉपी होनी चाहिए।
- दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
- लोन लेने वाले स्टूडेंट या उसकेपैरंट्स के छह महीने का बैंक अकांउट स्टेटमेंट।
- इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर।
- कर्ज लेने वाले की कुल प्रॉपर्टी और उसकी जिम्मेदारियों का ब्रीफ स्टेटमेंट।
सरकार की योजना
केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) से सलाह-मशविरा करके कॉम्प्रिहेंसिव एजुकेशनल लोन स्कीम तैयार की है। इस स्कीम में सभी तरह के कोर्सेज़ को कवर किया गया है, जिनमें प्रफेशनल कोर्स भी शामिल हैं।
इसके तहत, भारत में शिक्षा लेने के लिए साढ़े सात लाख और विदेश में पढ़ने के लिए 15 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। इस लोन का भुगतान पांच से सात साल की अवधि में करना जरूरी है। पढ़ाई खत्म होने के बाद कर्ज चुकाने के लिए एक साल का ग्रेस पीरियड मिलता है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को आसान शर्त पर फाइनैंशल हेल्प देने के लिए भी प्रोत्साहित किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एजुकेशनल लोन संबंधी गाइड लाइंस कमर्शल बैंकों को जारी की हुई हैं।
ब्याज की दरें
आमतौर पर सभी नैशनलाइज्ड बैंक और प्राइवेट बैंक 11-15 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण देते हैं। इलाहाबाद बैंक करीब 11.75-12.5 प्रतिशत दर पर लोन देता है। कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या जॉब मिलने के छह महीने के भीतर (जो भी जल्दी हो) कर्ज लौटाना होता है। यह लोन स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, एग्जामिनेशन और लाइब्रेरी फीस देने और किताबें, साइंटिफिक इक्विप्मेंट खरीदने और स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क और थीसिस के लिए दिया जाता है।
इसी तरह, आंध्रा बैंक 13.75 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा 14 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया 11.25-12.25 पर्सेन्ट की दर से स्टूडेंट्स को लोन देता है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र से स्टूडेंट्स 12.75 फीसदी की दर पर लोन ले सकते हैं।
प्राइवेट एजुकेशन लोन
प्राइवेट एजुकेशन लोन को अल्टरनेटिव लोन भी कहा जाता है। आजकल देश और विदेश में हायर एजुकेशन काफी महंगी हो गई है। इस तरह के लोन बैंक से लिए गए लोन और एजुकेशन की एक्चुअल कॉस्ट के अंतर को कम करते हैं। इस तरह के लोन आप प्राइवेट लेंडर्स से ले सकते हैं। कुछ लोग प्राइवेट एजुकेशनल लोन के लिए इसलिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि उन्हें बैंक से अपनी जरूरत का पूरा अमाउंट नहीं मिल पाता या वे री-पेमेंट की शर्त को आसान बनाना चाहते हैं। हालांकि इस तरह का कर्ज सरकारी लोन की तुलना में महंगा पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की उधारी से कहीं अधिक सस्ता है।
बात चाहे विदेश में पढ़ाई की हो या देश में महंगे तकनीकी कोर्स करने की, इन पर आने वाले खर्च को वहन करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस मर्ज का इलाज है, एजुकेशनल लोन। यूं तो पब्लिक सेक्टर के बैंक ही हायर एजुकेशन के लिए लोन देते हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट बैंकों ने भी यह सुविधा स्टूडेंट्स को दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ऐसी स्कीम लाने जा रही है, जिससे हायर स्टडीज पूरी करने तक स्टूडेंट्स को लोन पर ब्याज भी नहीं देना पड़ेगा।
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इसके लिए चार करोड़ रुपये का बजट रखा है। 2012 में खत्म होने वाली 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ही यह राशि दे दी जाएगी।
भारत में पढ़ाई
आप कोई भी सिक्युरिटी या मार्जिन मनी दिए बिना बैंक से चार लाख रुपये तक का एजुकेशनल लोन ले सकते हैं। इसके अलावा, आपको थर्ड पार्टी की गारंटी पर चार से सात लाख तक का लोन मिल सकता है। इसमें पांच फीसदी की मार्जिन मनी वसूली जाती है। थर्ड पार्टी की गारंटी आपके किसी रिश्तेदार, पड़ोसी या दोस्त को देनी पड़ती है।
विदेश का सपना
विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट, एनएससी सर्टिफिकेट या प्रॉपर्टी के अगेंस्ट सात लाख या उससे ज्यादा का कर्ज ले सकते हैं। इसमें 15 पर्सेन्ट का मार्जिन अमाउंट भी होगा यानी आपका जितना लोन मंजूर हुआ है, बैंक उससे 15 फीसदी कम राशि आपको देगा। केंद्र सरकार इस तरह के लोन पर दो प्रतिशत की सब्सिडी बैंकों को देती है।
लोन लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
- आपके लास्ट एग्जामिनेशन की मार्कशीट।
- कोर्स में ऐडमिशन का प्रूफ।
- कोर्स के लिए खर्च का ब्यौरा।
- अगर आपको स्कॉलरशिप मिली है, तो उसका कंफर्मेशन लेटर देना जरूरी है।
- अगर फॉरेन एक्सचेंज परमिट जरूरी है, तो उसकी कॉपी होनी चाहिए।
- दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
- लोन लेने वाले स्टूडेंट या उसकेपैरंट्स के छह महीने का बैंक अकांउट स्टेटमेंट।
- इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर।
- कर्ज लेने वाले की कुल प्रॉपर्टी और उसकी जिम्मेदारियों का ब्रीफ स्टेटमेंट।
सरकार की योजना
केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) से सलाह-मशविरा करके कॉम्प्रिहेंसिव एजुकेशनल लोन स्कीम तैयार की है। इस स्कीम में सभी तरह के कोर्सेज़ को कवर किया गया है, जिनमें प्रफेशनल कोर्स भी शामिल हैं।
इसके तहत, भारत में शिक्षा लेने के लिए साढ़े सात लाख और विदेश में पढ़ने के लिए 15 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। इस लोन का भुगतान पांच से सात साल की अवधि में करना जरूरी है। पढ़ाई खत्म होने के बाद कर्ज चुकाने के लिए एक साल का ग्रेस पीरियड मिलता है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को आसान शर्त पर फाइनैंशल हेल्प देने के लिए भी प्रोत्साहित किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एजुकेशनल लोन संबंधी गाइड लाइंस कमर्शल बैंकों को जारी की हुई हैं।
ब्याज की दरें
आमतौर पर सभी नैशनलाइज्ड बैंक और प्राइवेट बैंक 11-15 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण देते हैं। इलाहाबाद बैंक करीब 11.75-12.5 प्रतिशत दर पर लोन देता है। कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या जॉब मिलने के छह महीने के भीतर (जो भी जल्दी हो) कर्ज लौटाना होता है। यह लोन स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, एग्जामिनेशन और लाइब्रेरी फीस देने और किताबें, साइंटिफिक इक्विप्मेंट खरीदने और स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क और थीसिस के लिए दिया जाता है।
इसी तरह, आंध्रा बैंक 13.75 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा 14 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया 11.25-12.25 पर्सेन्ट की दर से स्टूडेंट्स को लोन देता है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र से स्टूडेंट्स 12.75 फीसदी की दर पर लोन ले सकते हैं।
प्राइवेट एजुकेशन लोन
प्राइवेट एजुकेशन लोन को अल्टरनेटिव लोन भी कहा जाता है। आजकल देश और विदेश में हायर एजुकेशन काफी महंगी हो गई है। इस तरह के लोन बैंक से लिए गए लोन और एजुकेशन की एक्चुअल कॉस्ट के अंतर को कम करते हैं। इस तरह के लोन आप प्राइवेट लेंडर्स से ले सकते हैं। कुछ लोग प्राइवेट एजुकेशनल लोन के लिए इसलिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि उन्हें बैंक से अपनी जरूरत का पूरा अमाउंट नहीं मिल पाता या वे री-पेमेंट की शर्त को आसान बनाना चाहते हैं। हालांकि इस तरह का कर्ज सरकारी लोन की तुलना में महंगा पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की उधारी से कहीं अधिक सस्ता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No Response to "एजुकेशनल लोन से अरमानों की उड़ान"
Post a Comment