“इस तस्वीर को हमने इसलिए नहीं हटाया ताकि उन (भारतीयों) को एहसास हो जाए कि हम भी उन (गांधी) का सम्मान करते हैं. उनसे प्यार करते हैं और दोस्ती करना चाहते हैं.”यह शब्द 27 वर्षीय शहज़ाद बलोच के हैं जो कराची के उर्दू बाज़ार में स्थित अज़ीज़ मंज़िल नाम की एक इमारत में काम करते हैं जहाँ बालकनियों पर माहत्मा गांधी तस्वीर उकेरी गई है.यह एक तीन-मंज़िला सुंदर इमारत है जो उर्दू बाज़ार की मोहन गली में स्थित है. स्थानीय लोगों के अनुसार मोहन गली भी मोहनदास करमचंद गांधी के नाम पर ही है.शहज़ाद बलोच ने बीबीसी से बातचीत करते हुए कहा, “हम लोग इन तस्वीरों का अब भी सम्मान करते हैं और हर किसी को कहते हैं कि देखो हमारे पास अब भी गांधी साहब की तस्वीर मौजूद है.”शहज़ाद बलोच जैसे कई ऐसे युवक भी हैं जो यह नहीं जानते कि ये चित्र किसके हैं. किसी ने कहा कि इंदिरा गांधी के हैं और किसी ने उसे से राजीव गांधी का बताया.इसी इमारत में एक दुकानदार रफ़ीक़ ने गांधी जी के चित्रों पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है, “जिन लोगों ने मकान लिया था शायद उनको पता नहीं था कि यहाँ कोई तस्वीर लगी हुई है, वर्ना और कोई भी होगा तो इसे नहीं रखेगा.”उन्होंने बताया कि घरों या इमारतों पर कोई तस्वीर लगाना इस्लाम के अनुरूप ठीक नहीं है.अज़ीज़ मंज़िल के एक निवासी ने तो अपने घर की बालकनी पर लगे गांधी के चित्र के ऊपर सीमेंट और चूना लगा दिया है जिस से वह चित्र मिट चुका है.
लेकिन मोहम्मद अनवर, जिनका इस इमारत में भी दुकान है, वे इस इमारत को अच्छी तरह जानते हैं. उन्होंने बताया कि इस इमारत का निर्माण 1933 में हुआ था और इस का मालिक विभाजन के बाद भारत चला गया था.उन्होंने कहा, “इस इमारत पर गांधी साहब के चित्र आम लोगों और पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं.”अनवर ने बताया कि पहले विदेशी पर्यटक यहाँ आते थे, गांधी साहब के चित्र को देख कर ख़ुश होते थे और तस्वीरें खींचते थे. उनके अनुसार अब स्कूल वाले बच्चों को यह चित्र दिखाने आते हैं.कराची शहर में माहत्मा गांधी के नाम पर ओर भी कई स्थान थे और विभाजन के बाद उनके नाम बदल दिए गए थे.चिड़ियाघर जो पहले ‘गांधी गार्डन’ के नाम से जाना जाता था, विभाजन के बाद उसका नाम बदल दिया गया और यह बना कराची गार्डन. इस तरह शहर से केंद्र में स्थित गांधी स्ट्रीट का नाम बदल कर याक़ूब स्ट्रीट रखा गया है.कराची के अतीत में झांकने पर पता चलता है कि इस शहर का महात्मा गांधी के साथ गहरा संबंध था.
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