Friday, March 28, 2008
इस्लाम धर्म के अनुयायी शुक्रवार को पवित्र क्यों मानते हैं?
Posted on 6:52 PM by Guman singh
वैसे तो इस्लामी मान्यता के अनुसार सभी दिन एक समान हैं लेकिन शुक्रवार को सैय्यदुल ऐय्याम कहा गया है यानी दिनों का सरदार. यह माना जाता है कि इसी दिन मानव जाति को बनाया गया था और प्रलय यानी क़यामत भी शुक्रवार को ही होगी. जो लोग मर चुके हैं एक बार फिर ज़िंदा किए जाएंगे और ख़ुदा के सामने पेश होंगे. इसे बड़े इश्तमा का दिन बताया गया है. क़ुरआन में सूर ए जुमा है जिसमें लिखा है कि अल्लाह के ज़िक्र की तरफ़ लपक कर जाओ और मिलजुलकर एक जगह एकत्र होकर उसका ज़िक्र करो. जुमा छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन जब दोपहर के समय की अज़ान हो तो सभी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियाँ छोड़कर अल्लाह के ज़िक्र और नमाज़ के लिए एकत्र होना चाहिए. एक बात और है कि असर और मग़रिब की नमाज़ के बीच, यानी दोपहर बाद और सूर्यास्त की नमाज़ के बीच जो दुआ मांगी जाती है उसे अल्लाह विशेष रूप से क़ुबूल करता है.
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