Wednesday, April 23, 2008

लैपटॉप से पुरुषों को ख़तरा!

Posted on 8:31 PM by Guman singh


लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले पुरुष सावधान. जानकारों का मानना है कि लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले पुरुष अनजाने में अपनी प्रजनन क्षमता को नुक़सान पहुँचा रहे हैं.
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क में हुए शोध के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि अपनी गोद में इस कंप्यूटर को रखने के कारण अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है और इससे शुक्राणु निर्माण पर नकारात्मक असर पड़ता है.
यह शोध ह्यूमन रिप्रोडक्शन नामक पत्रिका में छपा है. अमरीकी शोधकर्ताओं का कहना है कि लैपटॉप की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस पर और शोध की आवश्यकता है.
इस समय दुनियाभर में क़रीब 15 करोड़ लोग लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं.
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के शीर्ष शोधकर्ता डॉक्टर येफ़िम शेईकिन ने इस शोध के बारे में बताया, "लैपटॉप के अंदर का तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड से भी ज़्यादा तक पहुँच जाता है."
उन्होंने बताया कि लैपटॉप को संतुलित ढंग से रखने के लिए लोग अपनी दोनों जांघों को काफ़ी क़रीब लाते हैं और इस स्थिति में पुरुषों का अंडकोष जांघों के बीच दब जाता है.
अंडकोष लैपटॉप के काफ़ी क़रीब होता है और इस कारण लैपटॉप का तापमान सीधा अंडकोष तक पहुँचता है.
शोध
इस शोध में 21 से 35 वर्ष की आयु के बीच के 29 स्वस्थ पुरुषों ने हिस्सा लिया. शोधकर्ताओं ने एक घंटे के दौरान लैपटॉप के कारण अंडकोष के तापमान में बदलाव को रिकॉर्ड किया.
इस दौरान कई बार उनके बैठने का तरीक़ा बदला गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि अपनी जांघों के बीच लैपटॉप को संतुलित रखने के दौरान उनके अंडकोष का तापमान 2.1 सेंटीग्रेड बढ़ गया.
जब इन पुरुषों ने अपनी जांघ के बीच लैपटॉप रखा तो उनके बाएँ अंडकोष का तापमान 2.6 डिग्री सेंटीग्रेड और दाएँ अंडकोष का तापमान 2.8 डिग्री सेंटीग्रेड औसतन बढ़ा पाया गया.
डॉक्टर शेईकिन ने बताया कि सामान्य तौर पर शुक्राणु के निर्माण और विकास के लिए शरीर को अंडकोष में एक उपयुक्त तापमान की ज़रूरत होती है.
उन्होंने कहा कि अभी इसकी जानकारी नहीं है कि कितने समय और कितने बार इस तरह के तापमान बदलाव से शुक्राणु निर्माण की प्रक्रिया पर असर पड़ता है.
हालाँकि डॉक्टर शेईकिन ने यह स्पष्ट किया कि पहले के अध्ययन बताते हैं कि उपयुक्त तापमान से एक डिग्री सेंटीग्रेड तक की बढ़ोत्तरी से कोई ख़ास असर नहीं होता लेकिन लगातार तापमान में होने वाले बदलाव के कारण मुश्किलें पेश आ सकतीं हैं.
उनका कहना है कि लैपटॉप को अपनी जांघों के बीच रखकर बार-बार इस्तेमाल करने से स्थायी रूप से नुक़सान हो सकता है.
डॉक्टर शेईकिन ने सलाह दी कि जब तक इस विषय पर और शोध नहीं होते बच्चों और युवकों को अपनी गोद में रखकर इनके इस्तेमाल से बचना चाहिए.

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