Sunday, September 30, 2007

भीनमाल का इतिहास

भीनमाल शहर प्राचीनकाल मे गुजरात राज्य की राजधानी था । पुरातनकाल मे यह भिल्लमाल के नाम से भी जाना जाता था। ईस्वी सन् 641 मे चीनी यात्री ह्वैंसान्ग यहा आया था,उसके अनुसार यह क्षेत्र गुर्जर रियासत थी। यहा का राजा क्षत्रिय था। वह बेहद बुध्धिमान एवँ युवा था। इस शहर मे ब्राह्मण,बौद्ध एवँ जैन धर्मावल्म्बी रहते थे। चीनी यात्री ह्वैंसान्ग के यात्रा वर्णन के अनुसार तत्कालीन समय मे भीनमाल पश्चिमी भारत...

Friday, September 28, 2007

नरेगा का विस्तार समग्र राष्ट्र में...

काम का अधिकार अभियान से जुड़ी अरुणा रॉय ने देश भर में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना लागू करने के प्रधानमंत्री के फ़ैसले की सराहना की है. अरुणा रॉय कई साल 'काम का अधिकार' अभियान में अहम भूमिका निभा रही हैं.शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना को देश के सभी ज़िलों में लागू करने की घोषणा की. प्रधानमंत्री...

भगत सिंह का अंतिमपत्र

साथियों को अंतिम पत्र 22 मार्च,1931 साथियो,स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है - इतना...

Saturday, September 22, 2007

खेतों में घुसी विदेशी कंपनियां, कलेक्टर अनजान

रानीवाड़ा-प्रदेश के 400 से ज्यादा गांवों में विदेशी कंपनियों ने शराब बनाने के लिए जौ की खेती शुरू कर दी है, लेकिन जिला कलेक्टरों को इसकी जानकारी ही नहीं है। ये कंपनियां किसानों से जबानी जमा खर्च करके खेती करवा रही हैं, जिसमें कोई लिखित कागज तक नहीं है।जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार ने दो साल पहले किसानों के हितों की रक्षा का दावा करते हुए कान्ट्रेक्ट फार्मिंग का कानून बनाया था, लेकिन...

संड़े स्पेशियल

एक कथा है-राव गुमानसिंह ईराणीएक मनुष्य को अपने जीवन से विरक्ति हो गई। उसे लगता था कि वह जीवन में सफल नहीं है। औरों की तरह वह न तो उतना धन कमा पाया, न ही किसी बड़े पद को प्राप्त कर सका और न ही उसे कोई सम्मान प्राप्त हुआ। इसी विचार के साथ उसने जीवन त्यागने का निर्णय ले लिया। उसने सोचा जीवन त्यागने से पहले वह ईश्वर से बात जरुर करेगा। यही सोचकर...

Friday, September 21, 2007

पाकिस्तानी हिंदू:अस्तित्व की चिंता

बुद्धाराम अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित नज़र आते हैंभारत और पाकिस्तान आज़ादी के साठ साल पूरे होने पर तरह-तरह के समारोह मना रहे हैं लेकिन कराची के एक बुज़ुर्ग हिंदू बुद्धाराम के लिए इन समारोहों का कोई मतलब नहीं है बल्कि उनके सामने ज़िंदगी और मौत का सवाल खड़ा है.62 वर्षीय बुद्धाराम कराची की एक ऐसी बस्ती में रहते हैं जो चारों...

Wednesday, September 12, 2007

बीबीसी की हिंदी...अचला शर्मा

रेडियो की भाषा कैसी हो, यह पाठ पहले पहल मुझे बीबीसी हिंदी सेवा में वरिष्ठ सहयोगी स्वर्गीय ओंकार नाथ श्रीवास्तव ने पढ़ाया था.उन्होंने कहा, ‘भूल जाओ कि हिंदी में एमए किया है. रेडियो पर पाठ्यपुस्तकों की या साहित्य की भाषा नहीं चलती. भाषा ऐसी हो जिसमें श्रोताओं से बतियाया जा सके.’बेशक, मुश्किल से मुश्किल विषय को आसान शब्दों में श्रोताओं तक पहुँचाने...
राजस्थान में आरक्षण के मुद्दे पर गूजर समाज की गुरुवार को धौलपुर में महापंचायत हो रही है. इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.गूजर नेताओं का कहना है कि वे इस महापंचायत में अपने अगले क़दम की घोषणा करेंगे.सरकार ने गूजर बहुल इलाक़ों, धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और करौली में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए चार मंत्रियों...

क्यूँ मेरी अंगुलियाँ

क्यूँ मेरी अंगुलियाँ थकने लगी है?क्यूँ मेरे लब थरथरा रहे है?मै अपने गीतो से शर्मा रहा हूँ,ओरमेरे गीत मुझसे शर्मा रहे है..वों गीत मुझे आज बेज़ान लगते है....कि मेरे दिल के जज़्बात थे,जिन्हे कोरे कागज़ पर मैने उकेरा था,और उस क़लम को भी तोड देना चाहता हूँ,जिसने लोगो के दिल के तारो को छेडा था,आज मेरे हाथो मे क्रांति की मशाल दे दो...जिसकी रोशनी से,मै...