Wednesday, March 12, 2008

सिर्फ़ एक झलक तोड़ सकती है ध्यान

Posted on 8:01 AM by Guman singh


यह तो हम सब पढ़ते-सुनते ही आ रहे हैं कि विश्वामित्र का ध्यान भंग करने के लिए मेनका जैसी अप्सरा को भेजा गया था और वह अपने मिशन में कामयाब भी रही थी.
ये तो है पुराने ज़माने की बात लेकिन आज के ज़माने में भी कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि सुंदर और आकर्षक महिलाओं की एक झलक भर पुरुषों का ध्यान बँटाने और फ़ैसला लेने की उनकी क्षमता को छिन्न-भिन्न कर सकती है.

प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द रॉयल सोसायटी में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला कि आकर्षक महिलाओं को देखने भर से पुरुषों में यौन संबंधी विचार जागने लगते हैं जिससे उनका ध्यान इस हद तक भंग हो सकता है कि वो फ़ैसला लेने की स्थिति में भी ना रहें.

बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया है जिसमें कुछ ऐसे पुरुषों को महिलाओं की आकर्षक तस्वीरें दिखाई गईं जो एक ऐसा खेल खेलने वाले थे जिसमें कुछ हिसाब-किताब भी करना था.

इस अध्ययन में 18 से 28 साल की उम्र के 176 छात्रों को ये पहेली हल करने के लिए दी गई.

लेकिन उनमें से आधे छात्रों को आकर्षक महिलाओं की तस्वीरें वग़ैरा दिखाई गईं. 44 पुरुषों को कुछ तस्वीरें दिखाई गईं और उन पर उनकी राय माँगी गई.

इनमें कुछ प्राकृतिक नज़ारों की तस्वीरें थीं तो कुछ छात्रों को आकर्षक महिलाओं की तस्वीरें दिखाई गईं.

छात्रों के एक अन्य दल में से कुछ छात्रों को वृद्ध महिलाओं की तस्वीरें दिखाई गईं और कुछ को युवा मॉडल महिलाओं की.

इसके बाद छात्रों के हर एक दल से एक ऐसे खेल में शामिल होने के लिए कहा गया जिसमें कुछ पैसे का लेन-देन भी शामिल था.

तस्वीरों का खेल

इस अध्ययन के नतीजों से पता चला कि जिन पुरुषों को आकर्षक महिलाओं की तस्वीरें और अन्य आकर्षक चीज़ें दिखाई गई थीं उन्होंने पैसे गँवाने वाला फ़ैसला लिया जबकि जिन पुरुषों को इस तरह की चीज़ें नहीं दिखाई गई थीं उन्होंने कारोबारी तौर पर सही फ़ैसला लिया.


ख़ूबसूरती का अलग असर होता है

शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसी इसलिए होता है कि कुछ पुरुष आकर्षक महिलाओं के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं और ऐसा उनमें यौन हार्मोन्स की वजह से होता है.

इस अध्ययन में भाग लेने वाले डॉक्टर सीगफ्रेड डीविट्टे का कहना है कि मानव एक ऐसा जीव है जिसके अंदर विवेकशीलता प्राकृतिक रूप से ही होती है लेकिन इस अध्ययन से पता चलता है कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टीरोन नामक हार्मोन का स्तर ज़्यादा होता है वे ख़ासतौर से यौन गतिविधियों के लिए ज़्यादा संवेदनशील होते हैं.

अगर ऐसा कोई माहौल आसपास नहीं है तो वे सामान्य रूप से बर्ताव करते हैं लेकिन अगर उन्हें आकर्षक महिलाएँ नज़र आती हैं तो उनके अंदर भावनाओं का आवेग जाग उठता है.

लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक प्रवृत्ति है और ऐसी बात नहीं है कि इस तरह के पुरुषों में इसका सामना करने की ताक़त नहीं होती. वैज्ञानिकों के अनुसार हार्मोन का कोई ख़ास स्तर होना एक अलग बात है लेकिन इस कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है.

दिलचस्प बात ये है कि अब इसी तरह का अध्ययन महिलाओं पर भी किया जा रहा है.

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