Wednesday, March 12, 2008

प्रेम सचमुच अँधा होता है:वैज्ञानिक खोज

Posted on 8:25 AM by Guman singh


प्यार अँधा होता है-यह मात्र एक कहावत ही नहीं है.वैज्ञानिकों ने वे तथ्य जुटा लिए हैं जो यह बात साबित करते हैं.

एक अध्ययन से पता चला है कि प्रेम होने पर दिमाग़ में कुछ उन गतिविधियों पर अंकुश लग जाता है जो किसी को आलोचनात्मक नज़र से देखती हैं.

उस व्यक्ति के क़रीब होने पर दिमाग़ ख़ुद बख़ुद यह तय करने लगता है कि उसके चरित्र और व्यक्तित्व का कैसे आकलन किया जाए.

यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन का यह अध्ययन न्यूरोइमेज पत्रिका में छपा है.

माँ की ममता

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिमाग़ पर इस तरह का असर रोमांस के दौरान भी होता है और ममता के तहत भी.

माँ की ममता भी बच्चे की अच्छाइयाँ ही देख पाती है

यानी माँ का बच्चे से लगाव भी कुछ इसी तरह का प्रभाव पैदा कर देता है.

उस समय नकारात्मक भावनाएँ कहीं गहरे दब जाती हैं.

शोधकर्ताओं के दल ने 20 युवा माँओं के दिमाग़ का उस समय अध्ययन किया जब उन्हें उनके अपने बच्चों और उनके परिचितों के बच्चों के चित्र दिखाए गए.

उन्होंने पाया कि उस समय मस्तिष्क की गतिविधियाँ कुछ ऐसी ही थीं जैसी रोमांटिक युगल की होती हैं.

दोनों अध्ययनों से पता चला कि उस समय दिमाग़ की कुछ ऐसी ही स्थिति होती है जैसी अचानक धन मिल जाने या अच्छा खाने-पीने के समय होती है.

इसी तरह के परिणाम जानवरों में भी देखने में आए.

लेकिन अनुसंधान से यह भी पता चला कि रोमांटिक और ममता से जुड़ी भावनाओं में एक बुनियादी फ़र्क़ है.

प्रेमी-प्रेमिका के दिमाग़ के उस हिस्से में भी गतिविधियाँ तेज़ हो जाती हैं जो सेक्स उत्तेजना से संबद्ध हैं.

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