Friday, April 11, 2008

इंटरनेट यूजर्स को 'टाइम' का सलाम

Posted on 8:01 PM by Guman singh


जानी-मानी पत्रिका टाइम ने दुनियाभर के इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों का अपने तरीक़े से अभिनंदन किया है. टाइम ने इस वर्ष 'पर्सन ऑफ़ द ईयर' का पुरस्कार इन लोगों के नाम किया है.
सोमवार को आने वाले टाइम का विशेष अंक इन्हीं इंटरनेट यूजर्स को समर्पित है. पत्रिका के मुख्यपृष्ठ पर लिखा है- यू यानी आप...हम.. वो सभी लोग जो इंटरनेट क्रांति में डूबे हुए हैं.
आप यानी हर वो आम या ख़ास जिन्होंने इंटरनेट के माध्यम से ख़बरों और ख़बरों के स्रोतों का विकेंद्रीकरण कर दिया है और शक्ति के संतुलन में व्यापक बदलाव ला दिया है.
पत्रिका ने उन लोगों का सम्मान किया है जिन्होंने इंटरनेट पर सामग्री तैयार करने में भूमिका निभाई है और आज यूजर्स की सामग्री का इस्तेमाल कर कई वेबसाइटें लोकप्रियता के शिखर पर हैं.
टाइम ने यू ट्यूब, माई स्पेस जैसी वेबसाइटों का ख़ास तौर पर ज़िक्र किया है.
वर्ष 1927 से 'टाइम' पत्रिका 'पर्सन ऑफ़ द ईयर' का ख़िताब ख़बरों में साल भर बने रहने और ख़बरों और आम जनजीवन पर सबसे ज़्यादा प्रभाव डालने वाले व्यक्ति को देती है.
ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद, चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ और उत्तर कोरिया के किम जोंग इल इस साल उपविजेता रहे.
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, उनकी पत्नी मिलिंडा और रॉक स्टार बोनो ने पिछले साल ये ख़िताब जीता था.
'टाइम' पत्रिका के हिसाब से 2004 में पर्सन ऑफ़ द ईयर अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश थे और 2003 में ये ख़ुशनसीबी अमरीकी सैनिकों को हासिल हुई थी.
इंटरनेट
पत्रिका ने कहा कि किसी एक व्यक्ति की जगह 'आम जन' का पर्सन ऑफ़ द ईयर चुना जाना दिखाता है कि कैसे इंटरनेट ने ब्लॉग, वीडियो और सोशल नेटवर्क का उपयोग करते हुए मीडिया में अपनी दख़ल बढ़ाई है और मीडिया के शक्ति-संतुलन में बदलाव लाया है.
'टाइम' ने कहा कि यू-ट्यूब, फ़ेसबुक, माई स्पेस और विकीपीडिया जैसी वेबसाइटों की सहायता से लोगों के बीच संपर्क कई गुना बढ़ रहा है और अब लोग अपने विचारों, चित्रों और वीडियो को सभी तक आसानी से पहुँचा सकते हैं.
'टाइम' पत्रिका के लेव ग्रॉसमन कहते हैं, "ये कुछ के हाथ से ताक़त बहुतों के हाथों में पहुँचने जैसा है. ये सिर्फ़ दुनिया को नहीं बदलेगा बल्कि दुनिया बदलने के तरीक़े को भी बदलेगा."
'टाइम' ने वेब तकनीक की जमकर तारीफ़ की जिसने ख़बरों को सभी तक पहुँचाना इतना आसान बना डाला.
ग्रॉसमन ने कहा कि वेब लाखों लोगों की छोटी-छोटी कोशिशों को एक साथ ला रहा है और उन्हें मूल्यवान बना रहा है.
1938 में हिटलर और 1979 में ईरान के आयतुल्ला ख़ामेनेई जैसे लोगों को 'पर्सन ऑफ़ द ईयर' चुनने पर विवाद भी हो चुका है.

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