Friday, April 11, 2008

बारिश बुलाने के टोटके

Posted on 8:17 PM by Guman singh


भयंकर सूखे की चपेट में आए भारत के कई राज्यों में लोग अब अंधविश्वासों का सहारा ले रहे हैं.
वर्षा पर आधारित है भारतीय कृषिख़बरों के अनुसार उत्तर प्रदेश के कई गाँवो में औरतें रात में बग़ैर कपड़े पहने खेतों में हल चला रही हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से देवता ख़ुश होकर धरती की प्यास बुझा देंगे
. किंवदंतियो में एक राजा को ऐसा ही करते हुए बताया गया है.पूर्वी उड़ीसा में किसानों ने मेढको के नाच का आयोजन किया जिसे स्थानीय भाषा में 'बेंगी नानी नाचा ' के नाम से जाना जाता है.गाजे-बाजे के बीच लोग एक मेंढक को पकड़ कर आधे भरे मटके में रख देते है जिसे दो व्यक्ति उठा कर एक जुलूस के आगे-आगे चलते हैं.कुछ इलाक़ों में तो दो मेढकों की शादी कर उन्हें एक ही मटके से निकालकर स्थानीय तालाब में छोड़ दिया जाता है.कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से वर्षा के लिए यज्ञ कराए जाने की ख़बर मिली है.और कहीं तो मेढकों को गधों पर उछाला जाता है.बस....कैसे भी हो.....मेह बरस जाए!!!!दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफ़ेसर हरबंस मुखिया के अनुसार जब परिस्थितयाँ मानव के नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तभी ऐसी प्रथाओं को अपनाया जाता है.उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को शिक्षित किए जाने पर भी ये प्रथाएँ बंद नहीं होने वालीं, क्योंकि परंपराएँ उनके रग-रग में समाई हुई हैं.

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