Sunday, January 13, 2008

कामतुष्टि का रहस्य

Posted on 2:52 AM by Guman singh


वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने अंतत: महिलाओं की कामतुष्टि का रहस्य खोज निकाला है.

उनका कहना है कि उन्होंने उस तथाकथित ''जी-स्पॉट'' को ढूँढ निकाला है जो महिलाओं के शरीर में सेक्स का आवेग या ऑर्गैज़्म पैदा करता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन महिलाओं को ऑर्गैज़्म तक पहुँचने में कठिनाई होती है या जो बिल्कुल ही नहीं पहुँच पातीं उन्हें इस खोज से लाभ होगा.

जी-स्पॉट

वो कहते हैं कि इस खोज से अब ऐसी दवाइयाँ बनाई जा सकेंगी जो ''जी-स्पॉट'' को सक्रिय कर सकेंगी.

ये स्पॉट या बिंदु योनि के कुछ सेंटीमीटर अंदर महिलाओं के पेट से लगे भाग की ओर होता है.



ये हास्यास्पद लग सकता है लेकिन सच है कि महिलाओं के शरीर के बारे में जानने के लिए हम लोग अब तक इंतज़ार करते रहे


डॉक्टर इमैनुएल जनीनी
अरनेस्ट ग्रैफ़नबर्ग नामक वैज्ञानिक ने 1950 में इसे ''जी-स्पॉट'' का नाम दिया था.

इस बिंदु के इर्द गिर्द स्कीन नामक ग्रंथियाँ पाई जाती हैं और समझा जाता है कि संभोग के दौरान महिलाओं के शरीर से निकलने वाले द्रव्य में इनकी अहम भूमिका होती है.

डॉक्टर इमैनुएल जनीनी और उनके साथियों ने पहले कुछ ऐसे पदार्थों को खोजने की कोशिश की जो ''जी-स्पॉट'' के आसपास सेक्स की प्रक्रिया में सहायक होते हैं.

शुरूआत पीडीआई5 नामक प्रोटीन की खोज से की गई.

यह प्रोटीन पुरूषों के लिए भी मायने रखता है क्योंकि आवश्यकता से अधिक होने पर यह नपुंसकता जैसी स्थिति पैदा करता है.

कामतुष्टि संभव

डॉक्टर जनीनी ने पाँच महिलाओं को इस प्रयोग में शामिल किया और उनकी योनि में इस प्रोटीन के अंश मिले.

यही खोज 14 मृत महिलाओं में किए जाने पर पता चला कि ये प्रोटीन ''जी-स्पॉट'' के आसपास जमा था लेकिन इनमें दो ऐसे मामले थे जिनमें इसकी मात्रा बहुत कम थी.

साथ ही ये भी पाया गया कि उनमें स्कीन ग्रंथियाँ भी नहीं थीं.

जनीनी ने इससे अनुमान लगाया कि ये महिलाएँ सेक्स के आवेग या ऑर्गैज़्म तक पहुँचने में अक्षम थीं.

उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं में इस प्रोटीन और स्कीन ग्रंथियों की प्रचुर मात्रा होती है उनकी कामतुष्टि संभव होती है.

और उनका मानना है कि वायग्रा जैसी दवाइयाँ महिलाओं पर सबसे ज़्यादा कारगर हो सकती हैं.

एक साइंस पत्रिका से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''ये हास्यास्पद लग सकता है लेकिन सच है कि महिलाओं के शरीर के बारे में जानने के लिए हमलोग अब तक इंतज़ार करते रहे.''

महिलाओं के लिए वायग्रा बनाने की दिशा में फ़ाइज़र नामक कंपनी भी काम कर रही है.

उनकी प्रवक्ता का कहना है कि अभी तक के परिणाम आशाजनक हैं लेकिन अभी महिलाएं इस दवा को न लें.

उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल तभी किया जाए जब डॉक्टर इसकी सलाह दें.

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